जनसुनवाई में आवेदन देने के बाद भी नहीं खोला कबीर आश्रम का रास्ता !

  •  जनसुनवाई मैं भी नहीं हो रही है सुनवाई
  • रास्ता बंद होने के कारण दिव्यांगों,असहायों को आने-जाने में हो रही है भारी परेशान


देवास। सरकार शोषित पीड़ितों के जन कल्याण के कार्य में लगी हुई है। वहीं दूसरी ओर देवास में प्रशासनिक अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते मानव उत्थान में बाधा उत्पन्न की जा रही है। सामाजिक सेवा का केंद्र सद्गुरु कबीर आश्रम जहां निराश्रित, निः शक्त, शोषितों दिव्यांगों को आश्रय दिया जाता है। टेकरी शंख द्वार स्थित कबीर आश्रम पहुंच मार्ग को 2014 में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा टेकरी के परिसीमन के नाम पर आश्रम का रास्ता बंद कर दिया गया था। तब रास्ते में लंबा चौड़ा नाला भी खोद दिया गया था। गत दिनों जनसुनवाई में कलेक्टर को आवेदन देकर अवगत कराया गया था। 


कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने शीघ्र जांच कर व मौका मुआयना कर समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया। लेकिन रास्ता खोलने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है ओर ना कोई अधिकारी, कर्मचारी मौका मुआयना करने आया है। प्रशासनिक हठधर्मिता के चलते शोषित पीड़ित दिव्यांगों, असहस्यो को आश्रम आने जाने में भारी फजीहत हो रही है। सद्गुरु मंगल नाम साहब ने बताया कि रास्ते को लेकर कई बार जनसुनवाई में आवेदन दे चुके हैं, लेकिन मौका मुआयना किए बिना ही उच्चाधिकारियों को भ्रमित कर अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा झुठी जानकारी दी गई कि कबीर आश्रम का रास्ता चालू है। जबकि रास्ता 2014 से आज तक बंद है। 


2014 में मानवाधिकार आयोग को भी आवेदन दिया गया था। मानव अधिकार आयोग ने तत्कालीन कलेक्टर से बंद रास्ते की जानकारी मांगी गई थी। तत्कालीन कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व देवास से जांच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। जिसमें जांच उपरांत प्रतिपादित किया गया की टेकरी शंख द्वार के पास सदगुरु कबीर आश्रम स्थित है। तथा वर्तमान में आश्रम का रास्ता चालू है। कोई अवरुद्ध नहीं किया गया है। ऐसी भ्रामक व झूठी जानकारी दी गई । सदगुरु कबीर प्रार्थना स्थली सेवा समिति ने जिला प्रशासन से कबीर आश्रम  रास्ते का भौतिक सत्यापन कराकर शीघ्र समस्या का निराकरण करने की मांग की गई है।









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