पण्डित कुमार गंधर्व समारोह में दूसरे दिन गायन एवं सितार वादन की आकर्षक प्रस्तुतियाँ हुई !



देवास - मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी भोपाल द्वारा जिला प्रशासन एवं नगर पालिक निगम देवास के सहयोग से विख्यात संगीत मनीषी पण्डित कुमार गंधर्व की जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित किये जा रहे पण्डित कुमार गंधर्व समारोह के दूसरे दिन पुणे से पधारी सुप्रसिद्ध गायिका सुश्री सावनी शेण्डे ने गायन की प्रस्तुति दी।  जिसमें उन्होंने सर्वप्रथम राग पुरिया धनाश्री में विलम्बित एक ताल में निबद्ध स्वरचित बंदिश ‘‘केसर रंग साम छाई लागे सांझ आज नवेली’’ से की  प्रस्तुति दी। इसके पश्चात कुमार गंधर्व की मध्य लय तीन ताल में बंदिश ‘अ जरा दिन डूबा’ प्रस्तुत की तत्पश्चात  स्वरचित ‘आड़ा चौताल’ में तराना पेश किया। दूसरी प्रस्तुति पण्डित कुमार गंधर्व के पौत्र श्री भुवनेश कोमकली के गायन से हुई। आपने कार्यक्रम की शुरूआत राग ‘‘नन्द ढूंढा बारे सैंया’’ परम्परागत खयाल से की। इसके बाद कुमार गंधर्व जी की जग प्रसिद्ध बंदिश ‘‘ राजन अब तो आजा’’ प्रस्तुत की। समारोह का समापन कोलकाता से पधारे विख्यात सितार वादक पण्डित कुशल दास के सितार वादन से हुआ। पण्डित जी ने अपने प्रस्तुति का प्रारम्भ राग ‘‘चन्द्र कौशिकी, आलाप जोड़ झाला’’ से की। सहयोगी कलाकार के रूप में तबले पर श्री हितेन्द्र दीक्षित, श्री पवन सेम एवं श्री रामेन्द्र सिंह सोलंकी तथा हारमोनियम श्री अभिनय रवन्दे ने की। समारोह में बड़ी संख्या में कला रसिकों की उपस्थिति रही। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का संचालन श्री विनय उपाध्याय द्वारा किया गया।




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