पुराने विवाद के कारण मारपीट कर धमकी देने वाले 3 आरोपियों को 03-03 माह का सश्रम कारावास।
मनासा। सक्षम नरूला, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मनासा के द्वारा पुराने विवाद के कारण मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने वाली 2 महिला सहित 3 आरोपीगण (1) सजनीबाई पति बालू बंजारा, उम्र-67 वर्ष, (2) शांतिबाई पति कमलेश बंजारा, उम्र-45 वर्ष एवं (3) किशनलाल पिता बालू बंजारा, उम्र-47 वर्ष, तीनों निवासीगण-ग्राम बोरखेड़ी दांतोली, तहसील मनासा, जिला-नीमच को धारा 323, 506(2) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03-03 माह के सश्रम कारावास व 500-500रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाली एडीपीओं श्री रमेश नावड़े द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 07 वर्ष पूर्व को होकर दिनांक 30.01.2016 सुबह के लगभग 9ः40 बजे ग्राम बोरखेड़ी दांतोली स्थित कनीराम बंजारा के घर के बाहर की हैं। आरोपीगण एवं आहतगण के मध्य पूर्व से हत्या के ए
क मामलें में राजीनामा किये जाने की बात को लेकर विवाद चल रहा था। घटना दिनांक को फरियादी विक्रम गांव में कनीराम के घर के बाहर खड़ा था तभी आरोपीगण आये और हत्या के मामलें में राजीनामा करने की बात को लेकर लकड़ी व लात-घुसों से गोरीलाल व श्यामलाल के साथ मारपीट करते हुए उन्हे जान से मारने की धमकी दी। मौके पर उपस्थित लोगों ने बीच-बचाव किया एवं विक्रम ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना मनासा पर की जिस पर से अपराध के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान दोनों आहतगण का मेडिकल कराये जाने के उपरांत शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
क मामलें में राजीनामा किये जाने की बात को लेकर विवाद चल रहा था। घटना दिनांक को फरियादी विक्रम गांव में कनीराम के घर के बाहर खड़ा था तभी आरोपीगण आये और हत्या के मामलें में राजीनामा करने की बात को लेकर लकड़ी व लात-घुसों से गोरीलाल व श्यामलाल के साथ मारपीट करते हुए उन्हे जान से मारने की धमकी दी। मौके पर उपस्थित लोगों ने बीच-बचाव किया एवं विक्रम ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना मनासा पर की जिस पर से अपराध के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान दोनों आहतगण का मेडिकल कराये जाने के उपरांत शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी व आहतगण सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराते हुए अपराध को प्रमाणित कराकर आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी रमेश नावड़े, एडीपीओ द्वारा की गई।
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