आज शाम को चांद दिखा तो शनिवार को देशभर में मनाई जाएगी ईद ।
हाटपिपल्या (संजू सिसोदिया) । देशभर में मुस्लिम समाज के सबसे पवित्र माह रमज़ान चल रहा है । ज्ञात हो कि 23 मार्च को रमजान का चांद देखने के बाद 24 मार्च से मुस्लिम समाज द्वारा रोजे रखकर रमजान के पवित्र महीने में अल्लाह की इबादत जा रही है । बड़े बुजुर्ग बड़े बुजुर्गों के साथ साथ बच्चों में भी रमजान की खुशी और उत्साह साफ देखा जा सकता है की गर्मी के महीने में भी लगभग 14 घंटे के रोजे रखकर अल्लाह की इबादत की जा रही है। रमज़ान के महीने को तीन अशरो (हिस्सों) में बांटा गया है (10 दिन को एक अशरा कहते हैं)। रमजान का पहला अशरा रहमत का, दूसरा अशरा मगफिरत का और तीसरा अशरा जहन्नम की आग से बचाव का होता है । रमज़ान में रोजेदार 30 दिन अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं ।रमजान के आखिरी अशरे में शबे कद्र की रात होती है जिसमें रात भर अल्लाह की इबादत की जाती है, ज्ञात हो कि नगर के साथ-साथ पूरे देश में 18 अप्रैल को शबे कद्र मनाई गई । इस साल ऐसा पहली बार हुआ है कि पवित्र रमजान के महीने की शुरुआत भी सबसे खास दिन जुमे के दिन से हुई और अगर आज ईद का चांद दिख जाता है तो रमजान का आखिरी रोजा भी जुमे का ही होगा । सऊदी अरब में ईद का चांद देखने के बाद उम्मीद की जा रही है कि शनिवार को देशभर में ईद का त्यौहार मनाया जाएगा । ईद, चांद के दिखने पर निर्भर करती है । ईद का यह त्योहार 3 दिन तक मनाया जाता है । यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए सबसे बड़े त्योहारों में से एक है । नगर हाटपिपलिया में पूरे मुस्लिम समाज सुबह शेरवानी चौक की जामा मस्जिद में एकत्रित होते है और जुलूस के रूप में एक साथ ईदगाह के लिए निकलते हैं और ईद की नमाज अदा करने के साथ गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं ।
ज्ञात हो कि शेरवानी चौक की जामा मस्जिद में पार्षद बंसी लाल तंवर के द्वारा रोजा इफ्तार का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर रोजा इफ्तार किया और नगर की मदीना मस्जिद में भी ठाकुर राजवीर सिंह बघेल के द्वारा रोजा इफ्तार का कार्यक्रम रखा गया जिस में भी लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर रोजा इफ्तार किया ।जिससे नगर में हिंदू मुस्लिम एकता एवं भाईचारे का रूप देखने को मिला । हाटपिपल्या नगर में कोई भी त्योहार हो हिंदू व मुस्लिम एक साथ मिलकर मनाते है । नगर में हर त्योहार सौहार्द और भाईचारे के साथ मनाया जाता हैं चाहे वह कोई सा भी त्योहार क्यू ना हो, हर समाज द्वारा सम्मान पुर्वक त्योहार मनाया जाता है । मुस्लिम त्योहार पर हिंदू समाज सम्मान करते है एवं हिंदू त्योहार पर मुस्लिम समाज द्वारा सम्मान किया जाता है । नगर हाटपिपल्या मे यह भाइचारे की परंपरा वर्षों से चली आ रही है ।
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