आशाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध में आशाओं ने काली पट्टी बांध रैली निकाली, सौंपा ज्ञापन !

आशाओं की हड़ताल 37वें दिन भी जारी, जिलेभर की स्वास्थ्य सेवाएं हो रही बाधित



देवास। आशा-आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ के प्रदेश आव्हान पर प्रदेश सहित जिलेभर की 1400 आशाएं विगत 37 दिनों से हड़ताल पर बैठकर विभिन्न प्रकार से आंदोलन व प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी मांगे पहुंचा रही है। जिलाध्यक्ष सुनीता चौहान एवं अनुराधा लोधी ने बताया कि हड़ताल के कारण विगत एक माह से ज्यादा समय से जिलेभर की स्वास्थ्य सेवाएं पूर्ण रूप से प्रभावित हो रही है। साथ ही टीकाकरण भी नियमित नही हो रहा है। उसके बावजूद हमारी न्यायौचित मांगों को दरकिनार किया जा रहा है। सरकार हमारी मांगों की ओर ध्यान नही दे रही है। हड़ताल के दौरान आशाओं ने गुरूवार को काली पट्टी बांधकर रैली निकालकर दमन विरोधी दिवस मनाया। ग्वालियर में वहां के प्रशासन ने आशाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए मुख्यमंत्री जी से मिलने तक नही दिया गया। आशाएं अपना अधिकार मांगने जैसे ही मुख्यमंत्री तक पहुंचने के लिए आगे बढ़ी, उन्हे रोक दिया गया। साथ ही आशाओं पर प्रशासनिक कार्यवाही की गई। 


इसके विरोध में आशाओं ने काली पट्टी बांधकर नारेबाजी करते हुए जिला अस्पताल से शहर के प्रमुख मार्गो से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली। जहां मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।  संगठन मंत्री अनिता सिंह ने बताया कि आशाओं की मांग है कि आशाओं को 10 हजार और पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपए देना निश्चित किया जाए। आशा/आशा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाए, तब तक न्यूनतम वेतन देने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए किया जाए, भविष्य निधि, ईएसआई, ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जाए। हमारी हड़ताल 30 अप्रैल तक निरंतर जारी रहेगी। यदि उसके बाद भी सरकार मांगे पूरी नही करती है तो प्रदेशभर की आशाएं भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगी। इस दौरान रीना दुबे, भूरी बोड़ाना, देवकी कर्मा, कमलेश लोधी, शमशाद शेख, दीपशिखा, सीता गे्रवाल, कोसर, मधु, चंद्रकला, रिंकी मुछाल, मंजू कौशल, सविता चौहान, माया परिता, देवकी, प्रेमलता चौहान, बसंती मण्डलोई, सुनीता दुबे, फरजाना शेख, सेवंती, प्रियंका, शारदा मोदी सहित बड़ी संख्या में जिले की आशाएं हड़ताल पर बैठी हुई है।






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