शहरीय सीमा से लगे शासकीय विद्यालयों की हालत खस्ता, मूलभूत सुविधाओं का अभाव !
सामाजिक कार्यकर्ता अग्रवाल ने संबंधितों को भेजा मांग पत्र
देवास। नगर निगम सीमा अंतर्गत आने वाले शासकीय विद्यालयों की दयनीय दशा को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रेमनगर पार्ट 2 निवासी गोपाल अग्रवाल समय-समय पर आवाज उठाते रहते है, उसके बावजूद भी विद्यालयो की स्थिति जस की तस बनी हुई है। कुछ दिनों गर्मी की छुट्टियां लगने वाली है। शिक्षा का नया सत्र जून में शुरू होगा। उसके पूर्व विद्यालयों की दशा सुधारे जाने की मांग को लेकर श्री अग्रवाल ने पुन: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली, मुख्यमंत्री, आयुक्त महोदय लोक शिक्षण संचालनालय मप्र भोपाल, जिला कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त आदि संबंधितों को आवेदन सौंपा है। आवेदन में श्री अग्रवाल ने बताया कि शास. प्राथमिक शाला विकास नगर की जमीनी स्थिति से हर कोई अवगत है। छात्र-छात्राओं के बैठने के समुचित व्यवस्था नहीं है। विद्यालय का भवन होने पर विद्यार्थियों को प्राधिकरण के भवन में बैठना पड़ रहा है। शासकीय माध्यमिक शाला जवाहर नगर अपनी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है। नगर निगम सीमा में होने के बाद भी कई विद्यालयों में बाउंड्री वॉल का अभाव है। बिलावली स्थित शास. मा. शाला में हैंडपम्प लगा है, जिससे वहां पीने के पानी का अभाव है। बावडिय़ा ढांचा भवन में स्थित शास. मा. शाला ग्राउंड में बारिश के समय में पानी भर जाता है। जिस कारण विद्यार्थियों को आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों से मांग की है कि शिक्षा का नया सत्र शुरू होने से पूर्व उपरोक्त समस्याओं का समाधान छात्रहित में किया जाए। साथ ही नगर पालिका निगम द्वारा संपत्ति कर से प्राप्त शिक्षा उपकर की राशि से भी विद्यालयों का जीर्णोद्धार हो सकता है।
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