पार्षद हो तो ऐसा, जो जनता के लिए दे दे अपनी पगार का भी पैसा ! देवास शहर में यह पार्षद बन रहे मिशाल !



देवास।  जनप्रतिनिधि का अर्थ होता है जनता का प्रतिनिधि लेकिन अक्सर देखा गया है की जनता द्वारा चुने जाने के बाद से ही जनप्रतिनिधियों में खुद के खजाने भरने की हवस जाग जाती है। क्षेत्र विकास से ज्यादा उन्हें स्व-विकास की चिंता सताने लगती है। यही कारण है कि क्षेत्र अव्यवस्थाओं से लबरेज हो जाता है और जनता की नजरों में वह एक मौका परस्त राजनेता साबित होता है। हकीकत तो यही है कि इस राजनीति के दलदल में फंसने के बाद अच्छा खासा व्यक्ति भी कीचड़ की गंदगी में समा जाता लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी लाजवाब कार्यशैली के जरिए ना केवल जनता के चहेते बनते हैं बल्कि इस दलदल में कमल की भांति खिल कर एक नई मिसाल पेश करते है। आज की हमारी कहानी का नायक कोई बहुत बड़ा राजनेता नहीं है लेकिन जनता के प्रति उसके समर्पण ,साधना ने हीरो बना दिया है यह एक ऐसा जनप्रतिनिधि है जो क्षेत्र की जनता के लिए महज एक राजनेता ना होकर परिवार का सदस्य बना बैठा है।


नगर निगम में एक पार्षद ऐसा भी

वैसे तो देवास नगर निगम मैं फैला चौतरफा भ्रष्टाचार जनता के लिए नासूर बनता जा रहा है लेकिन इन सबके बीच देवास नगर निगम में अपनी अलग पहचान बनाने वाले वार्ड क्रमांक 30 के भाजपा पार्षद शीतल गेहलोत अपने क्षेत्र की जनता के लिए एक सच्चे मुखिया बनकर सामने आए है। अपनी धाराप्रवाह शैली से सदन में विपक्ष की धज्जियां उड़ा देने वाले शीतल गेहलोत अपने क्षेत्र विकास के लिए किसी भी बात से समझौता नहीं करते यही कारण है कि इनके एक इशारे पर क्षेत्र का हर एक व्यक्ति कुछ भी कर गुजर जाने को तैयार है। इधर पार्षद ने भी क्षेत्र के विकास में कोई कसर न छूट जाए इसके लिए अपने मानदेय को भी क्षेत्र को सवारने के लिए समर्पित कर दिया है।



मानदेय से करवाते है मंदिरों का जीर्णोद्धार

जनप्रतिनिधि का दायित्व संभालते ही शीतल गेहलोत ने जनता का दिल जीत लिया था और अब उस विश्वास को कायम रखने के लिए वे लगातार जनहित कार्यों में सक्रिय रहते हैं। आपको बता दें कि वार्ड क्रमांक 30 के यह भाजपा पार्टी के पार्षद को मिल रहे मानदेय का उपयोग भी जनता की भलाई के लिए किया जा रहा है। मासिक मानदेय का पैसा आते ही वे उसे क्षेत्र के मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए समर्पित कर देते हैं। यही कारण है कि वार्ड के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित बाबा बाल हनुमान मंदिर, श्री कृष्ण नगर स्थित राधा कृष्ण मंदिर, विष्णु कॉलोनी स्थित महादेव मंदिर, रविशंकर नगर स्थित पिपलेश्वर महादेव, एवं उमाकांत कॉलोनी स्थित उमाकातेश्वर महादेव मंदिर की छटा आज देखते ही बनती है।


वार्ड के मृतक के परिवार का खुद उठाते है जिम्मा..

देवास नगर निगम का वार्ड क्रमांक 30 इन दिनों केवल एक वार्ड नहीं बल्कि एक परिवार होने का एहसास करा रहा है जहां वार्ड के पार्षद का समर्पण भाव उन्हें इस परिवार का सच्चा हितैषी और मुखिया बना चुका है। आलम यह है कि वार्ड में स्थित किसी भी गरीब परिवार मैं मृत्यु होने पर यथा योग्य सहायता उपलब्ध कराकर उसके दुख में शामिल होकर उसे हिम्मत देने का काम भी पार्षद द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा पार्षदों के बढ़ाए गए मानदेय का लाभ ना लेते हुए मिलने वाला मानदेय भी वार्ड में रह रहे आम जनता में लगाये जा जायेगा। वार्ड क्रमांक 30 के यह भाजपा पार्षद शीतल गहलोत को पिछले 7 माह में मिले मानदेय को उन्होंने वार्ड की सामाजिक संस्थाओं, गरीब परिवारों के अंत्येष्टि व गरीब बालिकाओं की शिक्षा के साथ अन्य आवश्यकता भी पूरी करते हुए निगम से मिलने वाला मानदेय लगाया गया है। 

यह कार्य भी रहे सराहनीय

पार्षद शीतल गेहलोत द्वारा लगातार अपने वार्ड की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं इसी कड़ी में वार्ड में 50 प्रतिशत अवैध कालोनियों को वैध कराने की प्रयास भर बखुभी निभाते हुऐ पहली सूची में करवाया गया। ताकि वार्ड के रहवासी बिना किसी परेशानी के निर्भीक होकर अपने घरों में निवास कर सकें वही निगम प्रशासन द्वारा सडक़ बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी वार्ड क्रमांक 30 के पार्षद लगातार अपने क्षेत्र के लिए लड़ते दिखाई देते हैं। पार्षद द्वारा निरंतर नगर निगम की मूल योजनाओं को वार्ड के रहवासियों तक पहुंचा कर योजना का लाभ दिलाने का कार्य भी किया जा रहा है। वार्ड में रह रहे निचले तबके के लोगों की हर संभव मदद के साथ ही प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए वार्ड में रह रहे युवाओं के साथ लाडली बहना व युवाओं  के साथ बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी वार्ड के हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ दिलाने की पहल भी पार्षद द्वारा की जाती है।



जनता की संतुष्टि खुद ब खुद करती है पार्षद की तारीफ

गौर करने वाली बात यह है कि जब नगर निगम के 45 पार्षद, एक महापौर व सभापति अपना मानदेय लेकर जनता को मुख्य योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए नियमों का पाठ पढ़ाते नजर आते हैं। ऐसी स्थिति में वार्ड 30 के पार्षद कि यह अनूठी पहल शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह लोकतंत्र है जनाब जहां जनता ही सर्वोपरि होती है भले ही उसे 5 साल में एक बार अपना ब्रह्मास्त्र आजमाने का वरदान मिला हो लेकिन 5 सालों के दौरान वह अपने प्रतिनिधि की हर नब्ज टटोल लेती है। और फिर जनता की कसौटी में जो खरा उतरता है वही जीत का सिरमौर पहनता है। बहरहाल वार्ड क्रमांक 30 के पार्षद ने अपनी अनोखी कार्यशैली से भ्रष्ट राजनेताओं के चेहरे पर कालिख पोतते हुए यह नजीर पेश की है कि यदि हर एक पार्षद केवल जनप्रतिनिधि ना बनकर जनता का चहेता बन जाए तो निश्चित ही शहर राज्य और देश में अपने आप रामराज्य स्थापित हो जाएगा।


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