दर्जनभर से भी अधिक मौते व दुर्घटना होने के बाद भी गोडाउन संचालकों मार्ग पर ट्रको की बना दी पार्किंग !

चौधरी गोडाउन संचालक की लापरवाही बड़े हादसे को दे रही न्योता- शिवसेना
ट्रकों से आए दिन हो रही मौतें, फिर भी जिम्मेदार अधिकारी नही दे रहे ध्यान



देवास। उज्जैन रोड पर चौधरी गोडाउन संचालक की नागुखेड़ी दरगाह के सामने लापरवाही के कारण बड़े हादसे हो सकते हैं। सडक़ पर पार्किंग बना रखी है। वही आए दिन घटित हो रही घटनाओं को लेकर के अभी भी लापरवाह ध्यान नहीं दे रहे हैं। कुछ दिन पहले इटावा क्षेत्र में ब्रिज पर एक ट्रक ने बाइक सवार युवक को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। वही कुछ दिन पहले नागुखेड़ी बाईपास चौराहे पर महिला और बच्चे का एक्सीडेंट हो गया था। वही अचलुखेड़ी के विकास राठौड़ की भी सडक़ हादसे में मृत्यु हो गई थी। ऐसी कहीं घटनाएं घटित हो रही है। जिससे कई के परिवार उजड़ गए हैं। अब इटावा और नागुखेड़ी दरगाह के सामने चौधरी गोडाउन संचालक की लापरवाही भी सामने आई है। जिसने गेहूं से भरे ट्रकों को सडक़ों के पास ही है। लाइन पार्किंग बनाकर खड़े कर दिए तकरीबन 50 से भी अधिक ट्रक सडक़ के पास पड़े हुए वह कहीं बड़े हादसे को न्योता देने के लिए खड़े कर रखे हैं। शिवसेना  जिलाध्यक्ष सुनील वर्मा ने मौके पर पहुंचकर स्थिती को देखा। जहां पर कई लोगों को इन ट्रकों के कारण हो रही परेशानी नजर आ रही है। उनकी परेशानियों को देखते हुए शिवसेना के जिलाध्यक्ष ने गोडाउन संचालक के ऊपर कार्रवाई कराने हेतु अधिकारियों चर्चा करते हुए कार्रवाई के लिए पत्र भेजे। श्री वर्मा ने कहा कि गोडाउन संचालक की बड़ी लापरवाही है जब आप ट्रकों को माल शिफ्ट करने के लिए गोडाउन पर मंगवाते हैं तो उन्हें बाहर खड़े नहीं रखनी चाहिए। जिम्मेदारी को समझना चाहिए, लेकिन लापरवाही करते हुए उन्हें सडक़ों पर पार्किंग लगाकर खड़े करवाएं जो कि नियमों के विरुद्ध है। शासकीय  संपत्ति पर कब्जा कर रखा है। ट्रक खड़े रहने से रास्ते पर आवागमन करने वाले राहगीरों को भी कहीं परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  वही दर्जनभर से भी अधिक चौधरी गोडाउन व दरगाह के समीप मौतें व एक्सीडेंट हो चुके है। इस प्रकार की लापरवाही गोडाउन संचालक की बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। संचालक द्वारा अगर समय रहते हैं अगर अपनी लापरवाही में सुधार नहीं किया गया तो शिवसेना मौके पर ही धरने पर बैठ जाएगी। क्योंकि आमजनों की जान की परवाह गोडाउन संचालक को नहीं होगी, लेकिन शिवसेना को है। उनकी जान-माल की रक्षा के लिए आंदोलन करना पड़े तो उसके लिए पीछे नहीं हटेंगे। जानकारों का मानना है कि जब पैसा गोडाउन संचालक माल रखने का लेता है तो पार्किंग की सुविधा देना भी उसकी जिम्मेदारी है। इस मामले में वरिष्ठ जानकारों ने बताया कि जब गोडाउन की परमिशन दी जाती है तभी पार्किंग की व्यवस्था को लेकर जिम्मेदारी तय की जाती है, लेकिन चौधरी गोडाउन संचालन की सडक़ पर पार्किंग की स्थिति यह तो नियमों के विरुद्ध है। शिवसेना ने जो मौके परिस्थिति देखिए उस हिसाब से एक्सीडेंट वह बड़ा हादसा हो सकता है। अधिकारियों गोडाउन संचालक पर कार्रवाई करनी चाहिए।



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