बेटियों के पांव पूजने से जीवन सफल हो जाता है- कवि नरेंद्र नवगोत्री
देवास। आजादी के 75 वे अमृत महोत्सव के अंतर्गत सरस्वती साहित्य समिति के तत्वावधान में समिति के अध्यक्ष हास्य कवि नरेंद्र नवगोत्री के हरीकृपा निवास लक्ष्मण नगर में होली मिलन समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि कवि देवकृष्ण व्यास एवं अध्यक्षता विनोद मंडलोई ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ एक दूसरे को अबीर गुलाल का तिलक लगाकर किया गया। होली खेली गई व एक दूसरे को शुभकामनाएं दी गई। सुखी होली खेलकर जल बचाओ, प्रकृति बचाओ का संदेश भी दिया। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ कवि ओम्कारेश्वर गेहलोत की कविता मां शारदा की वंदना के साथ हुआ। कवि अनिल शुक्ला ने होली गीत लेके अक्षत रोली अपने दिल के द्वार खोलो और खेलो होली होली गीत पड़ा। विजय जोशी ने कहा जब -जब हममें फूट पड़ी, तब तक मुंह की खानी पड़ी। सुरेंद्र सिंह हमसफर ने हास्य रचना पड़ी एक दिन की बात है ऑफिस से जल्दी मुक्ति मिल गई। हमने लगाई एक युक्ति पड़ी। शायर अजीज रोशन ने कहा हर रंग में रंगने का तरीका पहन लिया ।ओमकारेश्वर गहलोत ने कहा मस्ती में सबको रंग डालो लो हाथों में रंगरोली। विनोद मंडलोई ने कहा कृष्ण जब जब राधिका के पास होंगे तब तब रास होगा मधुमास होगा। देव कृष्ण व्यास ने कहा वंदे मातरम बोल रहे थे बदल गए जो लाशों में। कुछ ऐसे गुमनाम हुए जो छपे नहीं इतिहासों में। नरेंद्र नवगोत्री ने कहा बेटियों के पांव पूजे हम और जीवन अपना सफल कर ले। हम बेटियों के चरणों में शीश अपना धर ले हम। इस अवसर पर शंकरलाल चौधरी, प्रशांत चौहान, संजय चौहान, वंश गोल्डी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्रसिंह राजपूत हमसफर ने किया। आभार देवेंद्र नवगोत्री ने माना। यह जानकारी सरस्वती साहित्य समिति के अध्यक्ष नरेंद्र नवगोत्री ने दी।
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