सर्वोदय चौराहे पर शव रखकर किया ​​​​​​​चक्काजाम, भारी पुलिस बल तैनात !

बीना - बारधा गाँव में रविवार को छोटी सी बात को लेकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद परिजनों ने सर्वोदय चौराहा पर चक्काजाम कर दिया।यह चक्काजाम 5 घंटे तक चला। इसके बाद 4 बजे एएसपी व एडीएम कि समझाइश पर लोगो ने प्रदर्शन खत्म किया। शुक्रवार को दोपहर में सचिन पिता खेमचंद अहिरवार निवासी बारधा अपने दोस्त राहुल अहिरवार के साथ गाँव से अपने घर जा रहा था। उसी समय सामने से ब्रजेश साहू ट्रैक्टर लेकर आ रहा था। उसी समय सचिन कि गाडी बंद हो गई तो राहुल ने बाइक बंद होने पर गाली दी।  जिसे दोनों पक्षों में बहस हो गई।  यह सब होने के बाद सभी घर चले गए। शनिवार को सुबह 7.45 बजे वह अपने पिता खेमचंद अहिरवार व चाचा पूरन के साथ घर के बाहर खड़ा था। उसी समय ब्रजेश साहू, ओमप्रकाश साहू, राहुल साहू एवं अमन साहू वहां पहुंचे और गाली-गलौज करते हुए मारपीट कर दी। तभी सचिन का भाई राजकुमार पिता खेमचंद अहिरवार घर से बहार निकला, तो ब्रजेश ने उसे गोली मार दी। आरोपियों ने मृतक के पिता, मां, भाई, चाचा के साथ भी मारपीट की। राजकुमार को गोली लगने के बाद परिजनों ने एम्बुलेंस को फोन लगाकर बुलाया। लेकिन एम्बुलेंस समय पर नही पहुची। परिजनों ने उसे ट्रैक्टर में रखकर अस्पताल लेकर आए। जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने आरोपितो के खिलाफ केस दर्ज किया है। मृतक के परिजनों ने कहा कि आरोपियों कोगिरफ्तार किया जाये।  शव का पोस्टमार्टम न करवाकर सर्वोदय चौराहा पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने समझाया पर पुलिस की समझाइश पर परिजन मान गये और पोस्टमार्टम करने के लिए अस्पताल ले गये।लेकिन इस दौरान आरोपियों की संख्या एफआइआर में कम होने की बात को लेकर वह वापस सुबह करीब ग्यारह दस बजे शव लेकर सर्वोदय पहुंचे और चारों रास्तों को बंद कर कार्रवाई की मांग को लेकर चक्काजाम किया। इस दौरान लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस दौरान लोगों ने किसी की नहीं सुनी व आरोपियों की गिरफ्तारी और नाम बढ़ाने को लेकर अड़े रहे। विधायक महेश राय मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाईश दी, लेकिन उन्होंने उनकी भी सुनी। इसके बाद भी तहसीलदार जीएस पटेल, नायब तहसीलदार ऋतु सिंघई लोगों को मनाने में लगे रहे, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी। इसके बाद एएसपी ज्योति सिंह और अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी मौके पर पहुंचीं, करीब आधा घंटा की समझाईश के बाद लोगों ने प्रदर्शन खत्म कराया। साथ ही शव को पीएम के लिए भेजा जा सका। प्रदर्शन स्थल पर अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) प्रदीप अहिरवार पहुंचे और आते ही एसडीओपी प्रशांत सुमन से कहा कि आप लोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। घंटों से लोग मांग को लेकर बैठे हैं, जिसपर एसडीओपी ने कहा कि आप बिना कुछ जाने आरोप नहीं लगा सकते। पहले घटनाक्रम और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी ले लें। इसके बाद सभी लोग फिर से थाने पहुंचे और अन्य नौ आरोपियों के नाम थाना प्रभारी कमल निगवाल को दर्ज कराए। इसके अलावा लोगों की मांग पर आरोपियों का घर तोडऩे, मृतक की पत्नी को पेंशन देने व मुआवजा देने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया।


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