भगवामय हुआ शहर, बजरंग सेना ने हिन्दू नववर्ष पर निकाली भगवा यात्रा !
देवास/पंडित अजय शर्मा - हिन्दू नववर्ष, गुड़ी पड़वा के महापर्व के शुभ अवसर पर बजरंग सेना संगठन ने प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष 16वें वर्ष भी भारतीय संस्कृति का परचम लहराते हुए हिन्दुत्व एकता दिखाने के उद्देश्य एवं धर्म रक्षा के संकल्प के साथ भव्य भगवा यात्रा निकाली। यात्रा के दौरान पूरा मार्ग भगवामय नजर आया।
हिन्दू नववर्ष, गुड़ी पड़वा के महापर्व के शुभ अवसर पर बजरंग सेना संगठन ने प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष 16वें वर्ष में भी भारतीय संस्कृति का परचम लहराते हुए हिन्दुत्व एकता दिखाने के उद्देश्य एवं धर्म रक्षा के संकल्प के साथ भव्य भगवा यात्रा निकाली। यात्रा के दौरान पूरा मार्ग भगवामय नजर आया। यात्रा संयोजक एवं संगठन संस्थापक एडवोकेट उमेश चौधरी ने बताया कि बुधवार को शाम 5 बजे रामदेव मंदिर सयाजी द्वार से पंचमुखी हनुमान जी की महाआरती के साथ प्रारंभ हुई। जो शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए कालानी बाग स्थित हनुमान मंदिर पर पहुंचकर सम्पन्न हुई। यात्रा पश्चात महाआरती के साथ महाप्रसादी का वितरण किया गया। यात्रा में युवा हाथों में भगवा ध्वज लिए जय श्री राम के उद्घोष के साथ चल रहे थे। ढोल, डीजे ओर बैंड बाजे के साथ निकली भगवा यात्रा का कई जगहों पर पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया।शहर से जिले तक यही चर्चा सुर्खियों में है जो डाक्टर शेलेंद सिंह गोड ने बताया कि हर इंसान कि भांति उमेश चौधरी में भी शायद लाख बुराई होगी? पर उसके कहने पर भगवा के सम्मान में देवास के आसपास के गांव की सैकड़ों की संख्या में युवा शक्ति हिंदुत्व और भगवा को हिंदू नव वर्ष पर देवास में सराबोर कर देती है, तो दिल खुश हो जाता है ,पर देवास के बड़े-बड़े संगठन, राजनीतिक पार्टियां , समाज की ठेकेदार संस्थाएं ,ग्रुपस , बड़े-बड़े पहलवान इस भगवां यात्रा से नदारद रहते हैं। क्यों कि ये सिर्फ इसलिए की देश और भगवा राज से बड़ा, अपना नाम ,सम्मान, स्वाभिमान को मानते है, इसी का झूठा रोना रोकर किसी भी हिंदुत्व की भगवा यात्रा में ना आकर यह साबित कर देते हैं, कि हमारी मानसिकता कैसी है, इतिहास गवाह है की अपने नाम सम्मान और स्वाभिमान के चक्कर मेंु भारत को काफ़ी सालों तक गुलाम रहना पड़ा। शायद मैं और मेरा हंकार को छोड़ कर एक होकर लड़ते तो इतना समय नहीं लगता । ये लोग कहते हैं कि उमेश तो छोटे-छोटे बच्चों कि भीड़ लेकर चलता है, पर इन लोगों को पता नहीं कि यही बच्चे यही वानर सेना ,बजरंग सेना युग परिवर्तन करती है, और कई नेताओं के कार्यक्रमों में यही झंडे दरी उठाने वाले लोग ही आपको बड़ा नेता बनाते हैं इसी भीड़ को देखकर नेताओं की राल टपकती है !इसी राल को गले नहीं उतार पाते ?यही कटु किंतु सत्य है।
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