राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत निकाली जन जागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक का हुआ मंचन !
देवास। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अन्तर्गत विश्व क्षय दिवस पखवाड़े के तारतम्य में 25 मार्च को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम.पी. शर्मा के मार्गदर्शन में जन जागरूकता रैली निकाली गई। रैली को सिविल सर्जन डॉ. एस. के खरे एवं जिला क्षय अधिकारी डॉ. शिवेन्द्र मिश्रा ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली मे जिला क्षय केंद्र का समस्त स्टाफ, एड्स प्रोग्राम का समस्त स्टाफ, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अधिकारी, नर्सिंग स्टूडेंट एवं एनजीओ संस्था आदि के लगभग 150 लोगों ने भाग लिया। सभी के हाथों में टी.बी. रोग संबंधित नारो की तख्तीया थी। रैली के प्रारंभ में टी.बी. रथ की व्यवस्था थी। जिसमें एलईडी एवं माइक लगे हुए थे। रैली जिला चिकित्सालय से प्रारम्भ होकर देवास शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए जिला चिकित्सालय में सम्पन्न हुई। इसके उपरांत जिला चिकित्सालय परिसर में एनजीओ संस्था एसएनएस द्वारा नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। जिला क्षय अधिकारी डॉ. शिवेन्द्र मिश्रा ने बताया कि उक्त रैली एवं नुक्कड़ नाटक का मुख्य उद्देश्य आमजन मे टी.बी. रोग के प्रति जन जागृति लाना है। 2025 तक टीबी. मुक्त देवास हेतु यह अत्यंत आवश्यकता है। टी.बी. के लक्षण जैसे 02 सप्ताह की खांसी, बुखार, वजन में कमी होना एवं खखार मे खुन आना यह होने पर नजदीकी खखार जांच केंद्र मे जांच कराना चाहिये। खखार जांच एवं एक्स-रे द्वारा टी.बी. की बीमारी पाए जाने पर इसका पूर्ण उपचार लेना चाहिये। इलाज अधूरा छोड़ने पर टी.बी. की बीमारी लाईलाज हो जाती है। टी.बी. की बीमारी होने पर सावधानी रखना चाहिये। जैसे मूंह पर मास्क या कपड़ा लगाना। जगह-जगह थुकना नही चाहिये। क्योकि यह बीमारी एक संक्रामक बीमारी है जो खांसने या छींकने से फैलती है। टी.बी. शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है। पूर्ण उपचार (6 माह का) लेने पर यह बीमारी पूर्णता ठीक हो जाती है। उपचार के दौरान मरीज को 500/- रुपये प्रतिमाह भी डीबीटी के माध्यम से दिया जाता है। जिसमे मरीज उचित पोषण आहार ले सके क्योकि कुपोषण भी टी.बी. होने की एक वजह होती है। रैली में सतीश शर्मा, मोहन सिंह रघुवंशी, राकेश मालवीय, मोहनलाल शिंदे, राजेश जोशी, हुकुम सिंह परमार, जितेन्द्र रायपुरिया, हिमांशु, बलराम का विशेष सहयोग रहा।
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