टूटा मकान ढहने से महिला दबी तो बुलडोजर से तोड़ने पड़े 17 घर, मंजूरी अटकने से काम बंद !
रतलाम - लगभग डेढ़ साल से बंद पड़े सुभाष नगर फ्लाईओवर के काम के चलते रविवार को बड़ी दुर्घटना टल गई। दरअसल ब्रिज के कारण 108 मकान और दुकान वाले प्रभावित हो रहे हैं, जिन्हें प्रशासन दो साल पहले ही लगभग 12.50 करोड़ रुपए का मुआवजा दे चुका है। बावजूद कई प्रभावित मकान नहीं छोड़ रहे थे। कुछ ने शुरुआत में थोड़ा बहुत तोड़ लिया था, उसके बाद काम बंद उसी अधूरे टूटे मकान में रह रहे थे। सुभाष नगर का ऐसा ही एक मकान रविवार सुबह लगभग 4 बजे ढह गया।इसकी पहली मंजिल डेढ़ साल पहले ही तोड़ दी थी, जिसका मलबा छत पर पड़ा था। इसके बोझ से रात में छत ढह गई, जिससे भूरि नायक नामक महिला दब गई। आसपास के रहवासियों ने लगभग डेढ़ घंटे की मेहनत से उसे निकालकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। घटना की जानकारी लगने पर एसडीएम संजीव पांडे, सेतु निगम एसडीओ रघुनाथ सूर्यवंशी, निगम इंजीनियर राजेश पाटीदार, बृजेश कुशवाह समेत अन्य अफसर मौके पर पहुंचे।आधे टूटे मकान देखकर बड़े हादसे की आशंका हुई तो तत्काल बुलडोजर बुलाकर चला दिया। शाम 4 बजे तक चली कार्रवाई में सारे 17 मकान तोड़कर गिरा दिए गए थे। बावजूद इसके ब्रिज का काम आगे बढ़ने वाला नहीं क्योंकि दो साल पहले सेतु निगम ने जो 10.15 करोड़ का जो रिवाइज एस्टीमेट राजधानी भेजा था, उसे अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है।सुभाषनगर रेलवे फाटक के साथ वर्तमान में बाजना फोरलेन वाली रेलवे पुलिया का काम भी चल रहा है। ऐसे में सुभाषनगर का काम बंद होने से आसपास की दस से ज्यादा कॉलोनियों के रहवासी परेशान हो रहे हैं। उन्हें मुख्य शहर पहुंचने के लिए कस्तूरबा नगर होकर जाना पड़ रहा है।अच्छी बात यह है कि दिल्ली-मुंबई रूट के रेलवे फाटक नंबर 81 पर बन रहे। फ्लाईओवर के रेल लाइन के ऊपर वाले 36 मीटर लंबे मुख्य हिस्से का काम तेजी से चल रहा है। नवंबर में स्टील गर्डर चढ़ाने के बाद अब बाकी काम किया जा रहा है। महिला का इलाज अस्पताल में चल रहा हैं।
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