MP के किसानों को मिलेगी सोयाबीन की नई किस्म, कम पानी में जल्दी पकेगी, देखें अन्य खासियत
भारत सागर न्यूज़ - देश में बढ़ती आबादी के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराने एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए जहां एक तरफ सरकार विभिन्न तरह के कदम उठा रही है वही कृषि वैज्ञानिक भी आए दिन नई नई वैरायटी को विकसित कर रहे है। 4 वर्ष के अधिक प्रयास के बाद जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मध्यप्रदेश के किसानों के लिए सोयाबीन की नई किस्म जे.एस. 21-72 तैयार की गई है।सोयाबीन की जेएस 21-72 वैरायटी को 2022 में पहचान की गई। यह वैरायटी सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर (मप्र) के जबलपुर सेंटर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित की गई है।
33 बार ट्रायल के बाद जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों बदलते मौसम, बढ़ते तापमान और पानी की कमी को ध्यान में रखकर सोयाबीन की नई किस्म को तैयार किया है। विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने सोयाबीन की नई प्रजाति जेएस 21-72 विकसित की है। यह किस्म Soyabean New Variety JS 21-72 राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड- मालवा एवं महाराष्ट्र का विदर्भ एवं मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए अनुसंशित की गई है। सोयाबीन की नई प्रजाति को कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कर दिया गया है।सोयाबीन की इस किस्म को लेकर कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजय गुप्ता का कहना है की, जेएस 21-72 वैरायटी Soyabean New Variety JS 21-72 में उच्च रोगप्रतिरोधी क्षमता है। यह बाकी किस्मों से कही अधिक रोगप्रतिरोधक है। इस वैरायटी की सबसे बड़ी खासियत यह है की इसमें चारकोल सड़न (चारकोल रॉट), ऐन्थ्रेक्नोज व फली झुलसा, राइजेकटोनिया एरियल ब्लाइट जैसे सभी रोगों से लड़ने में औसत दर्जे से लेकर उच्च क्षमता पाई गई है।सोयाबीन जेएस 21-72 के दाना काफी बड़ा है एवं इसका पौधा भी काफी बड़ा पाया गया है। वही माइक्रोबायलॉजी ट्रायल में इस वैरायटी के सुपर नॉड्यूलेटिंग मिले है। इसके नॉड्यूल्स काफी बड़े बड़े है एवं इनमें काफी मात्रा में लेगुहेमोग्लोबिन होता है। इस वैरायटी के पौधे Soyabean New Variety JS 21-72का प्राचीन पैटर्न व हर नोड पर फूल देख सकते है, जो काफी अच्छा है। मध्य क्षेत्र के किसान साथी इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
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