मार्ग पर चल रहे अवैध रेतों के ट्रैक्टर जब्त हो रहे हैं तो डंफर क्यों हैं नदारद ? विभाग बड़ी कार्यवाहियों पर मौन क्यों ? क्या अब भी सक्रीय है वायरलेस व्हाट्सएप की सेना !
राहुल परमार, भारत सागर न्यूज़, देवास । जिले में परिवहन विभाग द्वारा जांच का अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें परिवहन विभाग ने कन्नौद, खातेगॉव एवं कमलापुर मार्ग पर चलाया चैकिंग अभियान चलाया । इस दौरान विभाग द्वारा वाहनों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही कर शमन शुल्क वसूला वहीं 04 ट्रेक्टर ट्रालियों को जप्त कर पुलिस अभिरक्षा में भी रखा । वैसे तो यह कार्यवाही सराहनीय है लेकिन ओवरलोड डंफर आखिर इस जांच के दौरान कहां गायब हो जाते हैं, यह एक बड़ा प्रश्न है। क्योंकि जब भी खनिज विभाग या परिवहन विभाग ऐसी किसी जांच करने के लिये धरातल पर पंहुचता है तो संबंधित अवैध चल रहे ऐसे वाहन या तो कहीं रुक जाते हैं या फिर कहीं गायब कर दिये जाते हैं। गौरतलब है कि खनिज विभाग की रैकी के लिये पूर्व में व्हाट्सअप पर पुलिस विभाग की तरह पांईंट क्लियर करने वाला गिरोह सक्रिय था। इसमें खनिज अधिकारी सहित सभी निरीक्षकों की लोकेशन आदि की जानकारी एक ग्रुप के माध्यम से मिलती थी। फिर संबंधित अधिकारी की लोकेशन की पुष्टि होने के बाद ही उन अवैध वाहनों को संबंधित लोगों या एजेंटों तक पंहुचाया जाता था। हालांकि बाद में अधिकारियों ने इस गिरोह को पकड़ तो लिया था । लेकिन वर्तमान में जिस तरह की कार्यवाहियां हो रही है और मौके से कुछ नही मिलता, ऐसे में इस गोपनीयता को भी भंग करने के अवसर को नकारा नही जा सकता है। या तो इसे विभाग की सुस्ती कहा जाये या फिर व्हाट्सअप गैंग फिर से सक्रिय हो गया है। ऐसे में विभाग की कार्यवाहियां तो प्रभावित हो ही रही है, शासन को राजस्व की चपत भी लग रही है। क्योंकि इस प्रकार संचालित होने वाले वाहन या तो बिना रॉयल्टी के होते हैं या फिर अत्यधिक ओवरलोड ! देखना होगा कि खनिज विभाग और परिवहन विभाग आगे इसमे कहाँ तक प्रगति करते है या फिर पहले की तरह वायरलेस व्हाट्सएप की सेना के राडार पर रहकर खुद ऐसी गैंग से अपमानित करते रहेंगे ?
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