3 दिन में सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने की मांग:कई गांवों में फसलों पर गहरा रहा संकट!!

देवास - नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना के तहत उज्जैन में सिहंस्थ के पहले विभिन्न गांवों से होते हुए नर्मदा नदी का जल उज्जैन पहुंचाया गया था। उसके बाद से हाटपीपल्या विधानसभा व सांवेर विधानसभा के कई गांवों में पानी की परेशानी खत्म हो गई थी। वर्तमान में नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना के तहत आने वाला पानी पिछले कुछ समय से बंद है। नदी पुरी तरह से सुख चुकी है।जिससे देवास जिले के पटाड़ा, ईश्वरखेड़ी, दखना खेड़ी, सन्नोड, डूंगरिया, रणायर, टिगरिया गोगा, मोला, कराडिय़ा, टिनोनिया, नावदा खेड़ी, धतुरिया आदि गांवों में किसानों की फसलों पर संकट छाया हुआ है। फसल प्रभावित गांवों के किसान कई दिनों से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से नर्मदा शिप्रा लिंक योजना के तहत पानी की मांग कर रहे है। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।युवा किसान संगठन के अध्यक्ष रविंद्र चौधरी ने बताया कि सरकार ने जब यह योजना शुरू की थी तो हमें कहां था कि इससे 3000 से अधिक गांव 70 से अधिक कस्बों में पीने का पानी व 17 लाख एकड़ जमीन को सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाएंगे, जिसके चलते हम किसानों ने अपने खेतों में फसल की बौवनी कर दी पिछले वर्ष भी हमको अपने खून पसीने से तैयार की हुई फसल सरकार की ओर से पानी उपलब्ध न कराए जाने के कारण नष्ट हो गई।


इस वर्ष फिर हमारे जनप्रतिनिधियों और सरकार की निष्क्रियता के चलते हमें फसल को पानी के लिए तड़पते देखना पड़ रहा है। हम प्रदेश सरकार को आगाह करना चाहते हैं।अगर समय रहते 3 दिन के अंदर हमें सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं कराया तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे और सरकार को क्षेत्र के किसानों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।


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