तीसरे दिन सोमवार को शिव पार्वती विवाह का जीवंत प्रदर्शन, शिव ही आदि और शिव ही अंत है..प. महेश चंद्र शर्मा
देवास। श्री सूर्य विजय हनुमान मंदिर में महिला मंडल द्वारा 7 से 13 जनवरी तक आयोजित की गई सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में तीसरे दिन सोमवार को शिव पार्वती विवाह का जीवंत प्रदर्शन किया गया। आतिशबाजी व ढोल ढ़माके के साथ शिव पार्वती को कथा पंडाल में लाया गया। विवाह की रस्म ढोल- ढ़माके के साथ पूरी की गई। महिलाओं ने मंगल गीत गाकर शिव- पार्वती का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। कथा वाचक पंडित महेश चंद्र शर्मा ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि शिव ही आदि और शिव ही अंत है। शिव ही सृष्टि के पालनहार हैं।जो भी मनुष्य शिव की शरण में जाता है वह कभी निराश नहीं होता। इसलिए मानव सच्ची भावना से शिव की शरण में जाए। जिससे कि इस सांसारिक भवसागर से सहज मुक्ति मिल सके। इस दौरान सती माता का चरित्र, प्रहलाद जन्म, नरसिंह अवतार का प्रसंग भी बताया गया। यह जानकारी आयोजक मंडल की सरोज त्रिवेदी ने दी।
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