प्रदेश के इतिहास में पहली बार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई आरोपी को सजा
न्यायालय ने आरोपी को दी 5 साल की सजा व 50 हजार रूपए अर्थदंड
भोपाल। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार सजा सुनाई गई है। भोपाल कोर्ट ने 160 करोड़ रुपए घोटाले के आरोपी रमाकांत विजयवर्गीय को 5 साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने 50 हजार जुर्माना भी लागाया है।
आरोपी रमाकांत विजयवर्गीय ने प्लॉट देने के नाम पर 160 करोड़ की धोखाधड़ी की थी। किसानों की जमीन पर काल्पनिक लेआउट बनाकर सैकड़ों लोगों को प्लॉट आवंटित कर ठगी की थी। इसके बाद पीडि़तों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। इस केस की जांच प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी गई। ईडी ने केस की जांच कर चालान कोर्ट में पेश किया। आज न्यायाधीश डॉ धर्मेंद्र कुमार डागा की कोर्ट ने भूमाफिया रमाकांत विजयवर्गीय को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी किया है। इससे पहले करोड़ों के घोटाले के मामले में जून में कोर्ट ने भू-माफिया रमाकांत विजयवर्गीय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही कोर्ट ने 50 हजार का जुर्माना भी लगाया था।
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आरोपी इंदौर से हुआ था गिरफ्तार
ठगी मामले में फरार चल रहे भूमाफिया रमाकांत विजयवर्गीय को राजधानी की कोहेफिजा थाना पुलिस ने इंदौर से दो साल पहले गिरफ्तार किया था। वह वहां भेष बदल के रह रहा था। वो लोगों को अपना नाम भी रामकुमार व्यास बताता था। आरोपी रमाकांत ने फर्जी नाम से ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवा लिया था।
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