शासकीय महाविद्यालय हाटपिपल्या में अमृत महोत्सव के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन
हाटपिपल्या । नि प्र l स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शासन के निर्दशानुसार आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देश में मनाया जा रहा है l इसी श्रृंखला में नगर के शासकीय महाविद्यालय हाटपिपल्या में दिनांक 21/10/2022 को 'स्वाधीनता में अधिवक्ता वर्ग की भूमिका' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें सोनकच्छ से आए मुख्य वक्ता के रूप में अभिभाषक श्री अभिषेक जी जाजू ने महाविद्यालय के विद्यार्थियों को संबोधित किया l उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के दमोह जिले से स्वाधीनता के संघर्ष में अधिवक्ताओं की भूमिका विशेष रही । वहां तत्कालीन स्वतंत्रता सेनानी इकट्ठे होकर अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष से विजय प्राप्ति के लिए योजना बनाते थे। उन्होंने बताया चूंकि राष्ट्र को स्वाधीन करने के लिए कानून, न्याय व्यवस्था, दंड संहिता जैसे विषयों एवं भारतीयों के विरुद्ध षड्यंत्र जैसी जटिलताओं और नीतियों का अध्ययन एवं उनको समझना बहुत आवश्यक था जिसके लिए सबसे महतत्वपूर्ण और योग्य वर्ग अधिवक्ताओं का ही था। स्वाधीनता के 75 वर्ष बाद भी हम सब को कानून और न्याय व्यवस्था को सूक्ष्म रूप से समझने और उसका पालन करने की आवश्यकता है तभी हम एक जिम्मेवार नागरिक कहलाएंगे l कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पी के चतुर्वेदी ने बताया कि स्वतंत्रता का सुनियोजित , सुचारू एवं सफल नेतृत्व महात्मा गांधी जी के द्वारा हुआ जो स्वयं भी एक अधिवक्ता थे ।संगोष्ठी में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बहुत उत्सुकता से भाग लिया l
कार्यक्रम के उपरांत मुख्य वक्ता से प्राध्यापकों, स्टाफ एवं विद्यार्थियों ने परिचर्चा की l कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक महाविद्यालय के ग्रंथपाल श्री सुधांशु ने एवं विषय विन्यास वाणिज्य विभाग प्रमुख एवं कार्यक्रम सहसंयोजक डॉ निलेश कुमार टेलर ने एवं आभार डॉ धर्म सिंह मेहरा ने माना l इस अवसर पर प्रो कवींद्र भारद्वाज , डॉ एम एस मुजाल्दा , प्रो रुचिका सांखला , प्रो जया कुशवाह , प्रो निशा वैरागी , प्रो कमा बघेल, प्रो कपिल आर्य , क्रीड़ा अधिकारी युगल शर्मा, श्री बी एस धाकड़ आदि मौजूद रहे।
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