Crime - बयान बदल गये लेकिन साइंस ने बताया सच, फेयर एंड लवली बुलाने के बहाने मासूम से बलात्कार करने वाले किशन को न्यायालय ने दिया आजीवन कारावास Rape Case

"पीडिता के पक्षविरोधी होने के बाद भी वैज्ञानिक साक्ष्‍य के आधार पर न्‍यायालय ने दी सजा"






मामला देवास से जुड़ा हैं जहां एक फरियादी पक्ष के बयान बदलने के बावजूद भी आरोपी को आजीवन कारावास की सजा न्यायालय द्वारा सुनाई गई। दरअसल प्रकरण बलात्कार और पाक्सो एक्ट से जुड़ा हुआ था और उक्त प्रकरण में आरोपी के डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटीव आई थी। 

यह है मामला- जिला अभियोजन अधिकरी, श्री राजेन्‍द्र सिंह भदौरिया द्वारा बताया गया कि अभियोजन प्रकरण में फरियादिया ने अपनी बेटी, अपनी सास तथा देवर के साथ हमराह चौकी आकर रिपोर्ट की थी कि उसके साथ उसके पिता व 8 वर्ष की बेटी रहती है। उसका मकान बन रहा है इसलिये हमने अपने पडोसी किशन राठौर के मकान के पास उसी का कच्चा मकान बन रहा था। दिनांक 20.01.2020 से किराये से रह रही है दिनांक 04.02.2020 को करीब शाम 6.30 बजे की बात है कि वह और उसके पिताजी घर के अन्दर ही थे उसी समय किशन राठौर ने उसकी लड़की को आवाज लगाकर फेयर एण्ड लवली का पाउच लाने के लिये बुलाया और किशन राठौर ने बाहर आकर दस रूपये उत्तरजीवी को दिये तो उत्तरजीवी ने सामने की दुकान पर जाकर पाउच लाकर किशन राठौर के घर पर जाकर दिया और कुछ समय तक उसकी लड़की घर वापस नही आयी तो उसने उत्‍तरजीवी को आवाज दी तो लड़की ने कोई जवाब नही दिया तो उसने कमरे के सीधे हाथ की ओर मकान मालिक किशन राठौर के मकान की खिड़की जो खुली हुई थी उस खिड़की के पास जाकर झांककर देखा तो मकान मालिक किशन राठौर बगैर कपड़ों के दिखा जो उसकी लड़की के साथ जबरजस्ती गंदा काम (बलात्कार) कर रहा था। उसकी लड़की चिल्लाने की कोशिश कर रही थी तो किशन राठौर ने उसका मुंह अपने हाथ से दबा रखा था उसने चिल्लाकर किशनलाल राठौर से कहा उसकी  बच्ची के साथ ये गंदा काम क्यों कर रहे हो तो किशन राठौर वही से चिल्लाकर बोला कि चिल्ला पुकार मत कर तुझे कितने पैसे चाहिये वो बता तो फरियादी ने उसे वही गांली गुप्ता दी और फरियादी बाहर निकलकर चिल्लापुकार करते हुये किशन राठौर के घर के सामने आ गई तो उसी समय उसकी लड़की को किशनलाल ने छोड़ा तो वह भागकर उसके पास आई तो किशन राठौर ने उसे धमकी देने लगा कि अगर उसकी रिपोर्ट थाने पर की तो वह उसे व उसकी लड़की को जान से मरवा देगा और यहा रहने नही देगा। उसी समय उसकी सास, देवर तथ अन्य लोग आ गये जिन्होंने उसकी लड़की को किशन राठौर के घर से निकलते हुये और किशन राठौर के द्वारा उसे गाली गुप्ता करते देखा है। फिर फरियादी ने अपने सास, अपने देवर व पिता को सारी बात बतायी तब वह लोग रिपोर्ट करने गये। आरोपी को गिरफ्तार कर अन्य आवश्‍यक अनुसंधान उपरान्त अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

उल्‍लेखनीय है कि उक्‍त प्रकरण में आरोपी एवं फरियादी पक्ष में न्‍यायालय के बाहर राजीनामा हो गया था जिस कारण पीड़िता ने पक्षविरोधी होकर न्‍यायालय के समक्ष अपने कथन बदल दिये थे परन्‍तु उक्‍त प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट पॉजिटीव आयी थी जिस कारण अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/जिला अभियोजन अधिकारी, श्री राजेन्‍द्र सिंह भदौरिया ने न्‍यायालय में लिखित बहस पेश करते हुये यह तर्क दिया कि- ‘मानव प्रकृति है कि वह झूठ बोल सकता है किन्‍तु विज्ञान नही’ उक्‍त प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट पॉजिटीव होने से यह सिद्ध होता है कि आरोपी किशनलाल ने ही घटना कारित की है इस तरह न्‍यायालय ने अभियोजन के तर्क से सहमत होते हुये वैज्ञानिक साक्ष्‍य के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।

माननीय विशेष सत्र न्‍यायलय (पॉक्‍सो एक्‍ट), जिला देवास द्वारा गुरुवार को निर्णय पारित करते हुए आरोपी किशनलाल राठौर को धारा 376(एबी) भादवि व  5()/6 पॉक्‍सो एक्‍ट में दोषी पाते हुये क्रमशः आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन काल) तथा 2000/- के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया एवं धारा 3(2)(वी) एससी/एसटी एक्‍ट में दोषी पाते हुये  आजीवन कारावास तथा 2000/- के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया।

उक्‍त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन विशेष लोक अभियोजक/ जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्री राजेन्‍द्र सिंह भदौरिया, व अतिरिक्‍त जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती आशा शाक्‍यवार एवं एडीपीओ, सुश्री ज्‍योति अजमेरा  द्वारा किया गया तथा कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक हर्ष चौहान एवं साजन सिंह का विशेष सहयोग रहा।

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