देवास के औद्योगिक क्षैत्र में सट्टा-जुआ अड्डा संचालकों द्वारा पत्रकार पर हमला !


भारत सागर न्यूज़ की खबर को स्वयं पुलिस ने ही आठ खंबा  व पत्ती बाजार व अन्य अड्डों पर कार्रवाई कर प्रमाणित की है।




भारत सागर न्यूज़ /देवास/पंडित अजय शर्मा/-। भारत सागर न्यूज़ और अदम्य समाचार पत्र ने पूर्व में ही औद्योगिक क्षेत्र स्थित आठ खंबा पर चल रहे जुआ सट्टा अड्डे के बारे में स्पष्ट रूप से स्थान व संचालक के नाम सहित जिम्मेदारी से खबर प्रकाशित की थी। इतना ही नहीं समाचार में आठ खंभा सहित पति बाजार नई आबादी सहित शहर व जिले के तमाम जुआ सट्टा अड्डों के ठिकाने और संचालकों के नाम व संरक्षण भी उजागर किए थे। जिसे पत्रकार बैस के साथ हुई निंदनीय घटना के बाद पुलिस ने खुद  आठ खंबा , पत्ती बाजार व अन्य अड्डों पर छापामार कार्यवाही कर सटोरियों का जूलूस निकालकर, अड्डे को जेसीबी मशीन से तोड़कर समाचार को सही सत्यापित व प्रमाणित कीया है। यहां ये बताना भी अति आवश्यक है कि पुलिस सटोरियो, जुंआरियों की धरपकड़ कार्यवाही की इतिश्री करती है। क्योंकि कुछ घंटों बाद या ज्यादा से ज्यादा कुछ ही दिनो बाद जमानत पर छुटकर वही सटोरीये  फिर से सट्टे, जुंऐ  के अवैध कारोबार में लिप्त हो जाते है। इतना ही नहीं वहीं अड्डा उसी जगह फिर संचालित हो जाता है। ये किसी जादूगर के चमत्कार से कम नहीं।



           किंतु इसे दुर्भाग्य कहें या विडंबना या राजनीतिक दलालों का पुलिस व प्रशासन पर जबरदस्त दवाब कहें! , की समय रहते  पुलिस अधीक्षक सहित जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों ने न्यूज व समाचार पत्र को गंभीरता से शायद नहीं लिया। क्योंकि जिम्मेदार पत्रकार  किसी भी समाचार को जिम्मेदारी के साथ बीलकुल पुलिस की भांति ही अपने विश्वसनीय गुप्त सूत्रों सहित पुलिस व शासन-प्रशासन के जानकारों और राजनीतिक पुरोधाओं से प्राप्त प्रमाणित जानकारी और फोटो वीडियो सहित सत्यापित दस्तावेजों की प्रमाणिकता अनुसार समाचार प्रकाशित करता है। तो वहीं पुलिस व शासन प्रशासन की जवाबदेही भी बनती है,कि उस किसी भी समाचार का प्राथमिकता के आधार पर अवलोकन कर अपराध व घटना की तुरंत जानकारी निकलवा कर कठोर कार्रवाई को अंतिम अंजाम देवे। लेकिन संबंधित क्षेत्र की पुलिस  की सांठगांठ व लापरवाही के कारण ही जिम्मेदार पत्रकार खुमान सिंह बैस के साथ अवैध व गैरकानूनी कुकृत्य करने वाले असामाजिक तत्वों द्वारा बेखौफ खुलेआम दिनदहाड़े सुबह-सुबह घटना को अंजाम दिया गया। भारत सागर न्यूज़ के समाचार को पत्ति बाजार व  आठ खंबे सहित अन्य अड्डों पर पुलिस की कार्रवाई ने खुद प्रमाणित किया है। यदि समाचार के आधार पर शहर व जिले के अन्य ठिकानों पर भी अगर पुलिस अधीक्षक खुद संज्ञान में लेकर निष्पक्ष कार्रवाई करें तो चौकानेवाले परिणाम सामने आएंगे।

                  देवास का औद्योगिक क्षेत्र अवैध गतिविधियों और कारोबार के लिए पूर्व से ही कुख्यात है। सट्टा-जुआ संचालक पुलिस और दलालों को भरपूर दानदक्षिणा देकर खुद को पावरफुल समझने लगते हैं ।  अब समाचार कवरेज करने वाले पत्रकारों पर हमला करने वाले सामाजिक बुराई फैलाने वाले सट्टा-जुआ संचालक खुद को और भी पावरफुल समझ रहे है। पत्रकार के साथ अपराधिक तत्वों द्वारा मारपीट की वारदात सामने आने पर बमुश्किल पुलिस हरकत में आयी। और मजबूरी में तत्परता दिखाते हुए कार्यवाही करते हुए पत्रकर पर हमला करने वालों को गिरफ्तार कर सार्वजनिक रुप से पीटते हुए जुलूस भी निकाला गया। तथा आठ खंबा स्थित अवैध सट्टा-जुआ अड्डे के ठिकाने (तंबू तिरपाल बरसाती से बनाया अस्थाई झोपडी)को जेसीबी से ध्वस्त भी कर दिया गया। इस घटना से प्रेस क्लब सहित अन्य पत्रकारों मे गहरा आक्रोश देखा गया । सभी पत्रकार खुमानसिंह बैस पर हमले की निंदा कर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे जिसे पुलिस द्वारा प्रभावी और लगभग निष्पघक्ष रुप दिया गाया । 

 


मामला ये था कि औद्योगिक थाना क्षैत्र के जिस ठीये पर यानी एक झोपडे में अंक जमाकर सट्टे का अड्डा इस प्रकार अंक जमाकर सामाजिक बुराई व बर्बादी का ठीया संचालित हो रहा था, कि जैसे पहले के दिनों में गांव में बारातियों की आव भगत करने चाय पानी,नासता या ठंडाई पीने के लिए अस्थाई टेंट में बराती खुलेआम बेख़ौफ़ बराती होने के घमंड में (जिसे जनवासा भी कहते हैं)पंहुच रहे हों। झोपडे में बकायदा अंक जमाये गये थे। एक व्यक्ति सट्टा लगाने वाले ग्राहकों से उसके पंसदीदा नम्बर के पैसे वसुल रहा था, तो दुसरा व्यक्ति नम्बर लिख रहा था। इस बात की जानकारी मिलने पर पत्रकार खुमानसिंह बैस समाचार कवरेज करने गये थे। इसी दौरान सट्टा संचालित करने वाले असामाजिक तत्वों इमरान,दद्दू और दो अन्यों द्वारा उनके साथ मारपीट  करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई । पत्रकार बैस के साथ बदसलुकी एवं मारपीट की जानकारी जैसे ही प्रेसजगत में फैली सोशल मीडिया साईटस पर विरोध एवं निंदात्मक स्वर मुखर हो गये। पत्रकारों के बीच आरोपियों के विरूद्ध बड़ी व कठोर कार्यवाही की मांग भी उठने लगी । प्राप्त जानकारी अनुसार इस वारदात के संज्ञान में आने पर सांसद एवं विधायक द्वारा भी शीघ्र कार्यवाही करवाने की बात कही गयी। पत्रकार से अभद्रता एवं मारपीट की वारदात को तुल पकड़ते देख और एसपी के सख्त रुख को भांप कर औद्योगिक थाना पुलिस तुरंत हरकत में आयी। पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह के मार्गदर्शन मे औधोगिक थाना प्रभारी अनिल शर्मा के निर्देशन में पुलिस बल द्वारा सटोरियों की धरपकड़ कर लाठिया भांजते हुए जुलुस निकालकर  थाने लाया गया। आरोपियों के विरूद्ध धारा 294/323/427/506/34  में प्रकरण दर्ज किया गया है।

आठ खंबा के अड्डे पर चला बुलडोजर! कोतवाली पुलिस ने भी पत्ती बजार व अन्य अड्डों पर की छापामार कार्यवाही निकाला जूलूस

             पत्रकार पर हमले को लेकर प्रेस क्लब सहित पूरे पत्रकार समाज में आक्रोश और शहर के तमाम संगठनों सहित पक्ष-विपक्ष के राजनीतिक  जिम्मेदारों के विमुख होते स्वर को भांप कर पुलिस हरकत में आई, और औधोगिक थाना क्षेत्र सहित शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में भी कार्यवाही को अंजाम दिया गया।

         औद्योगिक थाना अन्तर्गत आठ खंबा स्थान पर   जहां अस्थाई तंबूनुमा झोपड़े में सट्टा जुआ संचालित हो रहा था। पुलिस अधीक्षक के सख्त आदेश व मार्गदर्शन में आईए थाना प्रभारी के निर्देशन में पुलिस बल की मौजूदगी में  जेसीबी मशीन से अड्डे को ध्वस्त कर दिया गया। पुलिस द्वारा थाने पर भी सटोरियो को जमकर लाठियों से आवभगत कर प्रसाद दिया गया। पत्रकार  बैस के साथ मारपीट की वारदात को प्रेस जगत एवं संगठनों द्वारा गंभीरता से लेते हुए सटोरियो पर कठोर कार्यवाही की मांग की जा रही थी।

                इधर शहर में भी प्राप्त जानकारी अनुसार सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा भी शहर के बीचोबीच पत्ती बाजार क्षैत्र में भी जुआं सट्टे के अड्डे पर कार्यवाही करते हुए सटोरियों की धरपकड़ की गयी है और उनका भी शहर में जूलूस निकाला गया, इसके बाद पुलिस द्वारा अन्य अड्डों पर भी कार्रवाई कर सटोरीयों का जूलूस निकाला गया।


कांग्रेस ने भी उठाये कानून व्यवस्था पर सवाल,और पत्रकार पर हमले की निंदा भी की।             

             और पत्रकार खुमान सिंह के साथ हुई घटना की  जानकारी मिलते ही शहर कांग्रेस द्वारा शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सटोरियो द्वारा पत्रकार पर किये गये हमले की निंदा की । शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने कहा कि अपराधियों के हौसले बुलंद है। कानून व्यवस्था लचर हो चुकी है। इसका मतलब है कि अपराधियो को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर भी अगर हमला होता है , तो यह प्रजातंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। कांग्रेस ने मांग की है कि पुलिस कप्तान शीघ्र ही सख्त रवैया अपनाते हुए अपराधियों पर अंकुश लगाये। कांग्रेस नेताओ ने कहा कि शहर में कानून व्यवस्था पूरी तरह से पुलिस नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। गोलियां चलने की घटनाएं ,चलती मोटर साइकिल रोक लडक़ी को उठा ले जाना, हॉस्पिटल से बच्चा चोरी हो जाना, चेन स्नेचिंग की घटनाएं होना किसी से छिपी नहीं है।

 प्रमाणित पुलिस की सांठगांठ और आरोप पत्रकार पर लगाने का प्रयास ?

          पत्रकार की निडरता और सत्यता का प्रमाण वायरल विडियो है । जिसमे खुलेआम नम्बरों का खेल दिखाई दे रहा है ।और विडियो करता देख सटोरिये पत्रकार बैस को रोकने का प्रयास कर रहे हैं । इस सट्टा-जुआ अड्डे पर पुलिस की दया दृष्टि का प्रमाण क्षेत्र के अन्य अड्डे बन्द कर देने सहित समाचार प्रकाशन के बावजूद पुलिस का इस तरफ ध्यान नहीं देना भी था। फिर पत्रकार पर हमले के बाद सट्टा-जुआ संचालक के दलाल  समर्थकों और पुलिस  द्रारा  पत्रकार को रिपोर्ट लिखाने से रोकने मे भी मान सम्मान व भावनात्मक हमदर्दी वाली मीठी धमकी तथा लालच देने का भी कुप्रयास किया गया। जिसे पत्रकार ने ठुकरा दिया । इतना ही नहीं बल्कि थाना प्रभारी शर्मा ने तो पत्रकार के द्वारा किए गए विडियो को भी पुराना विडियो बताकर टालने का भी प्रयास किया, किंतु पत्रकार ने विडियो का सत्यापन के साथ घटनास्थल अड्डा व संचालक  की पहचान बताकर किया, और पुलिस अधीक्षक का मार्गदर्शन व निर्देशन मिला तब कहीं जाकर टीआई साहब को बेमन से इस घटना मे तत्परता दिखानी पड़ी । अब इसमें कुछ नामी-गिरामी संरक्षक दलाल  भी सटोरिये को सहयोग करते नजर आये । अगर मामला लेनदेन का होता और पत्रकार लालची होता तो शायद रिपोर्ट दर्ज नहीं होती । मामले मे पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अनिलराजसिंह सिकरवार सहित प्रेस क्लब के पत्रकारों सहित अन्य अनेक पत्रकार खुमानसिंह बैस के सहयोग मे सक्रिय नजर आये ।  इस घटना मे सहयोग और समर्थन देने वालो का आभार पत्रकार खुमानसिंह बैस ने व्यक्त किया है ।

और अंत में! 

                   नेताओं की इसी नूरा कुश्ती का ही जादू चमत्कारी असर का प्रमाण है , कि एक तरफ पुलिस की सख्त और लगभग प्रभावी कार्रवाई , दूसरी तरफ सटोरियों की सार्वजनिक पिटाई , तथा तीसरी तरफ जुलूस के बाद सटोरियों की आसानी से जमानत होना, और चौथीं तरफ तो  शाम को फिर सट्टा अड्डा शुरु हो जाना, इतना ही नहीं पांचवीं तरफ पुलिस कप्तान के सख्त आदेश पर दूसरे दिन फिर छापामार कार्यवाही में वही सटोरीये दूबारा पकड़ाना , वाह! आईए थाना पुलिस की इस कार्यवाही ने पुलिस को संदेह के घेरे में डाल दिया ! पुलिस कार्रवाई पर कई अनेक सवालों को जन्म दे दिया । इस पूरे प्रकरण को देखकर पुलिस की कार्यवाही को तो वास्तव मे कमाल,करिश्मा तथा जादूही चमत्कार ही कहा जा सकता है ! हालांकि ये चमत्कारी जादूई मंत्र पक्ष-विपक्ष की नूरा कुश्ती से ही उपजे होते हैं,और खामियाजा पुलिस को भुगतना पड़ता है, ये भी सर्व विदित है!

            पत्रकार के साथ हुई इस निंदनीय घटना के बाद  सटोरिये के सहयोग संवरक्षण सुरक्षा मे  खुद भाजपाई होने के बावजूद भाजपा द्वारा बनाए कानून के विरुद्ध आंदोलन में सक्रिय और भाजपा को ही कई बार अपमानित करने वाले व पद पावर पैसे के लालच मे निरविरोध होकर भाजपा से ही बगावत कर भाजपा को ही हराने वाले,  तथा स्थानीय भाजपा के राजनीति के स्वार्थी मतलब परस्त दलाल कहे जाने वाले किसी कद्दावर नेता पूर्व पार्षद के पुत्र का गुणगान भी खुद जुआरियों सटोरीयों,एवं अवैध व गैरकानूनीयों के बीच आपसी चर्चा सहित पुलिस व शासन-प्रशासन के जानकारों से लेकर पक्ष-विपक्ष के राजनीतिक पुरोधाओं तक और पत्रकारों से लेकर आम जनता तक के बीच खुलेआम चहुं ओर चर्चा का खास विषय बना हुआ  है! औद्योगिक क्षेत्र का यह अड्डा भी  संचालक अपने ही दमदार रिस्तेदार के संरक्षण में पावरफुल है जो पूरे शहर सहित जिले में भी खुब चर्चित हो रहा है!

                           यहां ये बताना भी अति आवश्यक है कि पुलिस नेताओं की नूरा कुश्ती के असमंजस में ही सटोरियों, जुंआरियों की धरपकड़ कार्यवाही की इतिश्री करती है। क्योंकि कुछ घंटों बाद या ज्यादा से ज्यादा कुछ ही दिनो बाद जमानत पर छुटकर वही सटोरीये  फिर से सट्टे, जुंऐ सट्टे के अवैध कारोबार में लिप्त हो खुले आम देखें जाते है।

                सटोरियों, जुंआरियों और अवैध घातक नशीले मादक पदार्थ के कारोबारियों को पक्ष विपक्ष की नूरा कुश्ती की नोटंकी करने वाले राजनैतिक दलालों का संरक्षण और सभी थानों में पदस्थ कुछेक कथित पुलिस कर्मियों का आर्थिक लालच से ये अवैध व गैरकानूनी कारोबार पोषित हो जाने की बात भी अक्सर सामने आती रहती है, जो कहीं ना कहीं लगभग सही भी साबित होती है, जो सर्व विदित है।

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