Dewas News- हादसों और मौत का रास्ता ! Ujjain-Dewas Road की मौतों का कौन जिम्मेदार ? Bharat Sagar News


  •  हादसों और मौत का रास्ता ! 
  • उज्जैन-देवास रोड की मौतों का कौन जिम्मेदार ?
  • नोटिस के बावजूद जिम्मेदार लापरवाह 
  • लगातार हो रहे हादसों में मौतें 


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भारत सागर न्यूज, राहुल परमार, देवास

निश्चित रुप से रोड निर्माण से यात्रा का समय बचता है और होने वाले विकास का भी पता चलता है। इसी का श्रेय लेने के लिए अलग-अलग लोग अलग तरीकों से इसका श्रेय लेते हैं। विकास की गाथा लिखी जाने में श्रेय सब लेने को आतुर रहते हैं लेकिन यदि उसी रोड पर दुर्घटनाओं से मौतों का तांडव हो तो इसमें आखिर किसकी जिम्मेदारी है ?

आपको यह जानना आवश्यक है कि आखिर 42 किमी बनने वाले इस रोड पर निर्माण कंपनी गावर क्यों सामने नही आ रही है ? और यदि आ भी रही है तो लगातार हादसों में ईजाफा क्यों हो रहा है ? जबकि उक्त कंपनी के संबंध में जिम्मेदार अधिकारी द्वारा परियोजना   निदेशक, एन एच ए आई को 22 फरवरी को एक पत्र भी लिखा जा चुका है। उक्त पत्र में गावर कंपनी द्वारा लापरवाहियों के बारे में उल्लेख भी किया गया है। यही नही उक्त विषय में कार्यवाही की बात भी सामने आई थी ।  कंपनी लगातार हो रहे इन हादसों को गंभीरता से नही ले रही है और न ही कोई जिम्मेदार विभाग इन हादसों की ओर ध्यान दे रहे हैं। पिछले कुछ माह में दर्जनों हादसे इस रोड पर हो चुके हैं। जिसमें कई मौतें भी हुई हैं।  

इस संबंध में कंपनी के जिम्मेदारों से हमने चर्चा की थी लेकिन उन्होंने संबंधित विभाग को पत्राचार और अन्य माध्यमों से लापरवाही पर पैचवर्क कर दिया। हालांकि केवल उनके काम हो जाये इतनी व्यवस्था, कंपनी ने कर दी थी जैसे हाईलाईटर लगाना, डायवर्सन लिखना आदि। लेकिन उन्हें संभवतः जानकारी नहीं कि निर्माण के दौरान संकरे मार्गों पर दुर्घटना का भय लगातार बना रहता है और यही भय आये दिन एक न एक जिंदगी लील रहा है।  अमलतास अस्पताल से लेकर देवास बायपास हुए कुछ हादसों के फोटो हमारे पास उपलब्ध हैं जो या तो संकरे मार्ग के कारण हुए हैं या रात में बिना संकेतकों और लाईट के अभाव में हुए हादसों के दिखाई पड़ते हैं।  वैसे क्षेत्रीय लोग लगातार किसी न किसी दुर्घटना पर जिम्मेदार लोगों को घेरने का प्रयास करते हैं लेकिन इन सबके बावजूद क्या जिम्मेदार प्रशासन और निर्माण एजेंसी को इन हादसों की परवाह नहीं है ? 

देखना होगा कि आगे यह मौत का रास्ता कितने और हादसों को जन्म देता है या फिर निर्माण कंपनी गंभीरता से इस ओर ध्यान देकर जीवन रक्षक का काम करेगी ? 




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