2 माह में दो बार सस्पेंड हुए पटवारी .... मामला पटवारियों को भड़काने के आरोप का या फिर ... ?

भारत सागर न्यूज, राहुल परमार, देवास। अधिकारियों के दिशा निर्देशों का पालन न करने व शासकीय योजनाओं के कार्यों के प्रति अन्य पटवारियों को सोशल मीडिया पर मैसेज द्वारा भड़काकर कार्यों में अवरुद्ध डालने के मामले में कलेक्टर ने पटवारी धर्मेंद्र चौबे को निलंबित कर उससे तीन दिन में जवाब मांगा हैं। बता दे धर्मेंद्र चौबे पटवारी संघ का जिलाध्यक्ष हैं और वह पटवारी संघ के वाट्सएप ग्रुप पर पिछले कई दिनों से पटवारियों को भड़काने वाले मैसेज सेंड कर रहा था। जिसकी शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने उक्त पटवारी को निलंबित कर दिया हैं।

दरअसल पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र चौबे के खिलाफ कई अधिकारीयों द्वारा कलेक्टर से शिकायत की जा रहीं थी कि वह अधिकारियों के दिशा निर्देशों का पालन न करते हुए अभद्र व्यवहार करता हैं, साथ ही शासकीय योजनाओं के कार्य को पूर्ण करने से भी मना करता हैं। यहीं नहीं कलेक्टर व एडीएम को धर्मेंद्र चौबे के कुछ ऐसे वाट्सएप स्क्रीन शॉट भी उपलब्ध हुए जिसमे वह अन्य पटवारियों को भड़का रहा था। यह शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने उसे तत्काल निलंबित कर दिया हैं, साथ ही कारण बताओं नोटिस देकर उक्त पटवारी से तीन दिन में जवाब भी मांगा हैं। बता दें 30 दिसम्बर को भी उक्त पटवारी को निलंबित किया जा चुका है। उस दौरान प्रशासन के एक प्रेस नोट में यह जानकारी दी गई थी। उस दौरान प्रेस नोट के अनुसार राजस्व अभिलेख शुद्धिकरण पखवाडे में कार्य में लापरवाही बरतने पर सतवास पटवारी धर्मेंद्र चौबे को निलम्बित करने के दिये निर्देश दिये गए थे। लेकिन अभी निलंबन के लिए पटवारी द्वारा अन्य पटवारियों को भड़काने के संबंध भी सामने आ रहे हैं। उक्त पटवारी द्वारा किसी वरिष्ठ अधिकारी से अभद्र भाषा के किस्से भी लोकवादित हो रहे हैं। 

प्रश्न का विषय यह है कि यदि उस दौरान यदि निलंबित कर दिया था तो कितनी जल्दी बहाल होकर वापसी हो गई और यदि उस दौरान केवल निर्देश दिये गए थे तो कलेक्टर के निर्देशों को उनके ही विभाग में धरातल पर आने के लिए इतना समय क्यों लगा ?

इस मामले में पटवारी धर्मेन्द्र चौबे से संपर्क करने पर उन्होने फोन नही उठाया। 

 



Comments

Popular posts from this blog

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

7 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ धराये तहसीलदार, आवेदक से नामांतरण के लिये मांग रहे थे रिश्वत ! Tehsildar caught red handed taking bribe of Rs 7 thousand, was demanding bribe from the applicant for name transfer!

होटल कर्मचारी ने दिया ईमानदारी का परिचय, लोटाया पैसों और गहनों से भरा बैग