बायपास के ढाबों पर बिक रही शराब ? विभागीय कार्यवाही अनुपस्थित, मामला कलेक्टर के संज्ञान में ?



राहुल परमार, देवास। शहर के बायपास से लगे ढाबों पर शराब पिलाने का मामला तो सतत जारी है ही लेकिन अब इन ढाबों पर शराब की बिक्री भी शुरु हो गई है। अन्य राज्यों के नाम से चलने वाले इन ढाबों पर शराब पंहुचाने का काम भी ठेकेदार ही कर रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह ढाबें शराब के अहाते तो थे ही लेकिन अब यह शराब दुकानों में भी परिवर्तित हो चुके हैं। इस बार सुत्रों के हवाले से खबर है कि इन ढाबा संचालकों ने इन्हें शराब उपलब्ध कराने वाले ठेकेदारों को भी चूना लगाना शुरु कर दिया है। जानकारी है कि उक्त ढाबा संचालक नाम मात्र का माल ठेकेदारों से एरिया करवाते हैं बाकि का माल कहीं और से लेते हैं । ऐसे में एक बात और भी स्पष्ट हो जाती है कि जैसे देवास से इन्दौर शराब का परिवहन जोरों पर रहा वैसे ही देवास में भी बाहर से शराब का अवैध परिवहन हो रहा है। सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार रेत मंडी के आसपास रोड से लगे ढाबें, भोपाल की ओर जाने वाले रोड पर और देवास-इन्दौर बायपास पर स्थित ढाबें शराब परिवहन करवाकर शराबियों के ‘‘स्वागत’’ में लगे हैं। 

इस बारें में विभाग के जिम्मेदारों के पास जानकारी देने का समय नहीं है और न ही इस ओर उनका कार्यवाही करने का ईरादा दिखाई दे रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि इन सब मामले में विभाग को जानकारी तो है लेकिन शुभलाभ के चलते कार्यवाही करने में बाधा आ रही हो ? 

    मामले में मुकेश ईजारदार, थाना प्रभारी थाना बीएनपी  ने बताया कि हमारे द्वारा पिछले दिनों 6-7 ढाबों पर कार्यवाही की गई हैं। यदि भविष्य में इस प्रकार के मामले और सामने आयेंगे तो हम कार्यवाही करेंगे। हालांकि नाम बताने को लेकर उन्होनें थाने पंहुचकर नाम बताने की बात कही है। 

इधर ढाबों पर शराब परोसने और बेचने को लेकर संबंधित विभाग के संबंधित अधिकारी को फोन लगाने पर फोन नहीं उठाने की आदत वैसे भी भूतकाल से चली आ रही है और आज भी बनी हुई है। बता दें विभाग की निष्क्रियता के चलते शराब का अवैध व्यापार फलफुल रहा है। यहीं नहीं आये दिन असामाजिक तत्वों का जमघट भी इन स्थानों पर लगा रहता है। यही वजह है कि इन क्षेत्रों में देवास के आमजन जाते भी नही है और भयभीत रहते हैं । क्योंकि शहर के यह अवैध शराब के अड्डे हर 200 मीटर पर गुंडा तत्वों को पनाह देते रहते हैं। 

बहरहाल जानकारी अनुसार मामला जिला कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला के संज्ञान में जा पंहुचा है। देखना होगा कि इस बार इस अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने में देवास पुलिस और प्रशासन कितना प्रयास करता है ?


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