नगर निगम की उदासीनता के कारण शहरवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर...!

कहीं सीवरेज का पानी, कहीं खस्ताहाल सड़क, तो कहीं खुले चैम्बर पैदा कर रहे परेशानी...

देवास। वार्ड 22 सहित शहरभर में जन समस्याओं का अम्बार है। जिससे शहरवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रेमनगर पार्ट 2 निवासी गोपाल अग्रवाल ने बताया कि वार्ड 22 सम्यक विहार कॉलोनी में पानी की टंकी जर्जर अवस्था में है। कभी भी किसी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। प्रेम नगर पार्ट 2 से कबीट वाले बाबा तक पहुंच मार्ग की हालत भी जर्जर स्थिति में है। राधा नगर पार्ट 2 में सीवरेज का पाइप जो वर्तमान में नया डला है वह घटिया क्वालिटी होने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रेम नगर पार्ट 2 पुरानी सीवरेज का पाइप कई जगह टूटा है, जिसकी वजह से खाली प्लाटों में पानी भरा रहा है। पास में ही प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर है जो पर्यावरण के साथ-साथ वहां निवासरत नागरिकों के लिए भी नुकसानदायक है। सीवरेज का गंदा पानी पास में ही आंवले के खेत में नियमित रूप से जा रहा है जो आपत्तिजनक है। प्रेम नगर एवं राधा नगर पार्ट 2 में कई सीवरेज के चेंबर खुले पड़े हुए हैं, जिनके लिए कई बार नगर निगम का ध्यान आकर्षित किया परंतु सीवरेज के गड्डो को ढका नही गया। प्रेमनगर पार्ट 1 से कालानी बाग को जोडऩे वाली एक पुलिया जो क्षतिग्रस्त हो गई है, पुलिया के जीर्णोद्धार हेतु कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन पुलिया का निर्माण नही हो पाया, इस संबंध में निगम कार्यालय में शिकायत के विषय में जाना होता है तो कोई भी अधिकारी उपलब्ध नही होता है, पूछने पर बताया जाता है कि वह फील्ड में गए हैं, ऑफिस में बैठने का अथवा फील्ड में रहने का कोई समय निर्धारण नहीं है, शासकीय मिडिल स्कूल बावड़िया ढांचा भवन में 2 अतिरिक्त कमरे एवं शौचालय के निर्माण स्वीकृति के बाद भी कार्य को लंबित रखा जाना सन्देह की परिधि में आता है...

 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी देवास में भी मेन गेट से आधार कार्ड केंद्र जहां ब्लॉक एजुकेशन ऑफिस भी बना हुआ है वहां तक 1 सीसी रोड़ निर्माण हेतु पत्र आयुक्त नगर निगम एवं जिला शिक्षा अधिकारी को दिया गया। कई परेशान व्यक्ति वहां पर आधार कार्ड से संबंधित एवं शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संबंधित कार्य के लिए आते हैं। जिनके लिए वहा पर ना तो बैठने की व्यवस्था है और ना ही शौचालय की व्यवस्था है, फोर व्हीलर एवं टू व्हीलर गाड़ियां अनियंत्रित तरीके से वहां रखी रहती है। शिक्षा का मंदिर कहां जाने वाला स्कूल जो शासकीय हाई स्कूल इटावा के नाम से है, जहां 400 बच्चे पढ़ते हैं, वहां उनके बैठने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है, स्कूल आने के लिए कोई रास्ता नहीं है एवं सुरक्षा के लिए कोई बाउंड्रीवाल नहीं है जहां जानवरों का निमित्त विचरण होता रहता है। उपरोक्त सभी समस्याओं से जनप्रतिनिधि, कलेक्टर, निगम आयुक्त एवं संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों को अवगत करा दिया गया है, लेकिन समस्या का निराकरण नही हो पाया। 












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