आबकारी और पुलिस की कार्रवाई महुआ लहान पर जारी, लेकिन ठेकेदार का अवैध परिवहन अब भी है भारी ? देवास से इन्दौर ब्लैक हुई शराब का पर्दाफाश अभी भी बाकी ?
देवास में शराब से भरी गाड़ी को लूटने का मामला -
पिछले दिनों शराब से भरी एक आइसर गाड़ी को कुछ लोगों द्वारा लूट लिया गया था जिसके बाद ताबड़तोड़ पुलिस की सक्रियता से वाहन सहित कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में प्रेस वार्ता कर नगर पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने खुलासा किया था। बाद में एक वीडियो बाजार में आया जो कि उक्त मामले से जुड़ा होना बताया गया। उक्त वीडियो में लोग दावा कर रहे थे कि लूट का मामला फर्जी है और जितनी देर में यह घटना घटित हुई उतनी देर गाड़ी वहां रुकी ही नहीं। यही नही लोकवाद तो यहां तक फैल गया कि उक्त संपूर्ण व्यवस्था किसी समझौते के तहत की गई थी। हालांकि यहां पुलिस की कार्यवाही को संदेहास्पद मानना थोड़ा गलत होगा क्योंकि पुलिस ने अगले ही दिन इस प्रकरण का भंडाफोड़ जरुर कर दिया था। लेकिन देवास के मास्टरमाइंड ब्लैकरों का भी कोई भरोसा नहीं मिर्ची, लूट और पकड़ने, पकड़ाने के खेल इनके लिए आम हो चुके हैं। लोकवाद तो यह भी फैला कि उक्त वाहन को देवास के किसी क्षेत्र में ही देखा गया था। लेकिन पुलिस के अनुसार यह वाहन कहीं और से जप्त होना बताया गया था। बहरहाल किस कहानी में ज्यादा दम है यह बताना थोड़ा मुश्किल है।
जब देवास की शराब से भरी गाड़ी पकड़ाई इन्दौर में -
पिछले दिनों देवास की गाड़ी इन्दौर में अवैध परिवहन करते हुए पकड़ी गई थी। उक्त कार्यवाही के फोटो और पंजीयन से जुड़े दस्तावेजों के फोटो भी काफी वायरल हुए थे। सुत्रों की माने तो उक्त कार्रवाई के मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं और अभी देवास के ठेकेदारों की शराब को ब्लैक कर रहे हैं। सुत्रों से जानकारी अनुसार फरार मुख्य आरोपियों ने कार्यवाही को प्रभावित करने के लिए लाखों रुपये की सांठगांठ की सूचना भी जिम्मेदार अधिकारियों तक पंहुचाई थी लेकिन किसी प्रकार का समझौता न होने के कारण फरारी में ही फिलहाल दिन काटने पड़ रहे हैं। मामले में देवास और इन्दौर जिले के जिम्मेदार अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं। इस मामले में कार्यवाही करने वाली इन्दौर आबकारी विभाग की उपनिरीक्षक मीरासिंह फिलहाल पारिवारिक कारणों से छुट्टी पर हैं। लेकिन यहां प्रश्न तो यह है कि आखिर इतनी मात्रा में शराब पकड़ाने के बाद भी इन पर कठोर कार्यवाही हुई या नही ?
यहां इस प्रकरण में अभी भी कई बड़े सच उजागर होना बाकी है जैसे -
- 1. कार्यवाही के बाद मुख्य आरोपियों को जिम्मेदार अभी तक क्यों नही पकड़ पाई है ?
- 2. कार्यवाही के बाद भी क्या मुख्य आरोपी शराब का परिवहन कर रहे हैं ?
- 3. यदि मुख्य आरोपी शराब के अवैध परिवहन में सक्रिय हैं तो वे किस प्रकार की शराब का परिवहन कर रहे हैं ? कहीं कोई ऐसी शराब तो नही जो इंसानों की जान से खिलवाड़ करें ?
- 4. मुख्य आरोपियों के नाम अभी तक सार्वजनिक क्यों नही किये जा रहे हैं ?
- 5. कार्यवाही के संबंध में जब विभाग के मंत्री जी का हस्तक्षेप हो गया तो फिर आरोपी अभी भी गिरफ्त में क्यों नहीं ?
- 6. आखिर देवास के किस ठेकदार की शराब देवास से इन्दौर ब्लैक की जा रही है ?
- 7. कार्यवाही में जप्त की गई शराब किस क्षेत्र की है, यह भी अभी तक खुलासा नही हुआ। क्या यह माल देवास के किसी ग्रामीण क्षेत्र से खपाया जा रहा था ?
क्या था मामला, जानने के लिए इस खबर को पढ़ें -
https://www.bharatsagar.page/2021/07/blog-post_28.html
इधर आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा के निर्माण, संग्रहण, परिवहन तथा विक्रय के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में वृत्त सोनकच्छ एवं देवास बी के भौंरासा कंजर डेरा एवं देवास शहर के प्रताप नगर में अवैध मदिरा निर्माण एवं विक्रय के स्थानों पर दबीश दी गई जिसमें 85 लीटर हाथ भट्टी मदिरा तथा 15900 किलो ग्राम महुआ लाहन जप्त किया गया, लाहन को मौके पर विधिवत नष्ट किया गया । कार्यवाही में मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1) के तहत 06 प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आबकारी विभाग के अनुसार उक्त कार्यवाही में जप्त सामग्री का बाजार मूल्य लगभग 812000 रुपए है।
अवैध शराब और अवैध परिवहन पर भारत सागर न्यूज के समाचारों में आगे जल्दी ही पढ़िये -
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