साहब ! यहां टांग नही टूटी मरीज की.... यहां टूट गई है व्यवस्था की टांग ....? बिन विशेषज्ञ कैसे हो ईलाज ?



राहुल परमार, देवास । देवास में कई अस्पतालों में कोविड के मरीजों का ईलाज जारी है। हमेशा अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में रहने वाले जिला चिकित्सालय में हाल अभी भी बेहाल हैं। चित्र में दिख रहे मरीज के एक पांव में आपको प्लास्टर दिख रहा है। पांव के गंभीर होने की स्थिति में यह प्लास्टर लगाया गया है। उक्त मरीज को उपरी मंजिल पर ले जाने और वापस नीचे ले जाने के लिए उनके साथ अटेंडर काफी परेशान होते रहे। चित्र 6 मई का है। पिछले कई समय से जिला अस्पताल की लिफ्ट खराब होने से रोजाना मरीज परेशान हो रहे हैं। येन केन परिजनों और अटेंडरों के द्वारा अपने मरीजों को अपने अनुसार ही भर्ती करवाया जाता है। लिफ्ट खराब होने से गंभीर मरीजों जिन्हें जांच के लिए रोजाना नीचे आना होता है, उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। उक्त पैर से घायल व्यक्ति के भाग्य को दोष दें या फिर लाचार व्यवस्था को, जो इन्हें व्हीलचेयर भी एक टूटे पहिये की मिली। काफी देर तक परिजन सही व्हीलचेयर को तलाशते रहे लेकिन काफी देर तक बिना किसी कर्मचारी के सहयोग के कारण उन्हें व्हीलचेयर नही मिल सकी। यदि लिफ्ट सही होती तो उक्त टूटे पहिये की चेयर भी उनके काम आ जाती लेकिन यदि इस टूटे पहिये की चेयर से मरीज और इस अवस्था से बूरी अवस्था में आ जाता तो जिम्मेदार कौन होता है। स्वाभाविक हैं यहां जिला चिकित्सालय की व्यवस्था की टांग टूटी पड़ी हुई है जिस पर अब प्लास्टर भी ठीक से नही हो पा रहा है। 



























इधर कोविड के मरीजों के ईलाज में भी काफी अनियमितताएं सामने आ रही है। मरीजों के अनुसार कई बार उनके वार्ड में डॉक्टरों का दौरा नही होता। वार्ड केवल नर्सों के भरोसे ही चल रहा है। कई मरीजों के परिजन ही वार्ड में वार्ड बाय का काम देखने को मजबूर हैं। वहीं कोविड के ईलाज करने के लिए एक मात्र डॉक्टर शरद वीरपरा ही हैं जो फिलहाल अस्पताल में आईसीयू से लेकर सभी वार्डों को देख रहे हैं। बाकी कोई भी छाती रोग विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय में मौजूद नही है। बता दें कोरोना छाती से संबंधित बिमारी है। इसलिए इसमें छाती रोग विशेषज्ञ की महत्वपूर्णता होती है। जिला प्रशासन को चाहिये कि ऐसे विशेषज्ञों को जिला अस्पताल में नियुक्त किया जावें । प्रशासन चाहे तो प्रायवेट डॉक्टर भी अस्थायी नियुक्त कर सकते हैं। ऐेसे में कोरोना के अनेकों मरीजों पर कई डॉक्टर मॉनीटरिंग कर पायेंगे और मरीजों के स्वस्थ होने का आंकड़ा भी बढ़ जाएगा। हालांकि प्रायवेट हॉस्पीटलों में यह विशेषज्ञ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं अमलतास हॉस्पीटल में भी हालात ऐसे ही बने हुए हैं। इधर नये नये कोविड सेंटरों का कार्य प्रगति पर हैं लेकिन बिना विशेषज्ञ के केवल ऑक्सीजन बेड और सुविधा किस काम की ? जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा के अनुसार कई डॉक्टरों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटीव होने के कारण यह स्थिति बनी है। लेकिन यहां बताना चाहेंगे विशेषज्ञों की कमी फिर भी बरकरार रहेगी। जिला प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। 

Comments

Popular posts from this blog

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

7 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ धराये तहसीलदार, आवेदक से नामांतरण के लिये मांग रहे थे रिश्वत ! Tehsildar caught red handed taking bribe of Rs 7 thousand, was demanding bribe from the applicant for name transfer!

फ्रीज में मिली महिला की लाश संबंधी सनसनीख़ेज़ अंधे क़त्ल का 10 घंटे में पर्दाफ़ाश, 5 साल लिव इन में रहने के बाद घोंट दिया पिंकी का गला ! 10 माह से रखा था फ्रिज में महिला का शव !