आपदा में अवसर ही नहीं हाथ की सफाई भी, फर्जी रूप से #आयुष्मान_योजना के कार्ड बनाने का मामला
- शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन व पुलिस ने रंगे हाथों धरदबोचा
- फर्जी रूप से आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने का मामला
देवास। कोरोना काल में आम जनता से चार सौ बीसी के काम में कईयों ने हाथ साफ किये। किसी ने राशन औने पौने दाम पर बेचे तो किसी ने दवाईयों को उंचे दाम पर बेचकर जनता को लूटा। कोरोना महामारी में एक नया मामला सामने आया है। इस बार महामारी में हाथ साफ तो नही किये गये हैं लेकिन हाथ की सफाई जरुर दिखाई गई है।
आपकी जानकारी के लिए सबसे पहले बता दें भारत सरकार की महती योजना आयुष्मान भारत निरामय के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा किया जाता है। जिसके चलते आयुष्मान कार्ड सीएससी केन्द्रों के जरीए बनाए जा रहे हैं। वहीं वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते राज्य शासन ने कोरोना का उपचार निःशुल्क कराने के लिए भी इस योजना का लोगों को लाभ मिले इसका प्रयास किया है। वहीं इसी के चलते आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए लोग भी जागरूक हुए हैं।
अब यह कार्ड भी फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ गया । इसी के तहत कोरोना की आपदा में अवसर तलाशता एक युवक फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बना रहा था। जिसकी सूचना मिलते ही जिला प्रशासन की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आयुष्मान भारत के कार्ड घर-घर जाकर फर्जी तरीके से बनाने की सूचना जिला प्रशासन को मिली थी। जिस पर बुधवार दोपहर में शालिनी रोड़ स्थित एक मकान में युवक सुनील कराडिय़ा फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य कर रहा था। मौके पर तहसीलदार पूनम तोमर सहित कोतवाली थाना पुलिस के साथ नाहर दरवाजा थाना पुलिस मौके पर पहुंची जहां फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाने वाले युवक को धरदबोचा है। वहीं शिकायतों के आधार पर तहसीलदार पूनम तोमर ने कोतवाली थाने में आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। वहीं कोतवाली थाना पुलिस ने तहसीलदार की रिपोर्ट पर आरोपी के विरूद्ध धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है। कोतवाली थाना पुलिस ने बताया की आरोपी से पूछताछ जारी है, संभवतः आरोपी से और भी खुलासा हो सकता है।
ऐसे बनाना था फर्जी आयुष्मान कार्ड
इस संबंध में तहसीलदार पूनम तोमर ने बताया की आरोपी सुनील कराडिय़ा किसी दूसरे नाम की समग्र आईडी लेकर दूसरे का आधार से ईकेवायसी (EKYC) करता था, जिस पर आयुष्मान बन जाता था। ऐसे में आयुष्मान कार्ड जिसका भी बनता था वह यह समझता था की उसका आयुष्मान कार्ड बन गया है। जबकि वास्तवकिता में फर्जी नाम की आईडी से आयुष्मान बनाता था। पूनम तोमर ने बताया की एक ऐसा ही नाम सुमित जैन का है जो देवास के निवासी है लेकिन उनका किसी दूसरी आईडी पर आधार से ईकेवायसी कर आयुष्मान कार्ड बनाया था। आईडी को विस्तार से चेक किया गया था जिसमें पता चला की असली समग्र आई में सुमित नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है। इस तरह से इस आरोपी के पास से सैकड़ो आयुष्मान कार्ड प्राप्त हुए है जिसे देख पता चला है की और किसी कह समग्र आईडी पर दूसरों के आयुष्मान कार्ड बनाए है। उन्होनें बताया की इस संबंध में और भी दूसरे लोगों के द्वारा शिकायतें आ रही है। ऐसे में वह व्यक्ति जिसे आयुष्मान कार्ड का लाभ मिलना चाहिए उसे नहीं मिल पाता है। वहीं उन्होनें बताया की आरोपी प्रति कार्ड बनाने के लिए 100 से 150 रूपए लेता था।
नहीं मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा
आपदा में अवसर तो ठीक था लेकिन हाथ की इस सफाई से कई लोगों को हानि जरुर होगी। तहसीलदार पूनम तोमर ने बताया की जिन अपात्र लोगों के कार्ड पात्र लोगों की आईडी पर आरोपी के द्वारा बनाए गए हैं उसमें से किसी को भी आयुष्मान योजना का लाभ किसी भी हॉस्पिटल में नहीं मिल पाएगा।
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