मानवता के दुश्मन : सोशल मीडिया पर तलाशते थे जरूरतमंदों को, फिर 35 से 40 हजार में बेचते थे रेमडेसिविर इंजेक्शन ?



इंदौर । प्रदेशभर में बढ़ते संक्रमण के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जोरों पर है। कालाबाजारी के तार अब गुजरात के मोरबी से जुड़ गए हैं। यहां की फैक्टरी से नकली इंजेक्शन की खेप एक गिरोह द्वारा इंदौर पहुंचाई जा रही थी। इसी गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने देर रात विजय नगर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। पूरे खेल का मास्टर माइंड रीवा का रहने वाला बताया जा रहा है, जो फैक्टरी से नकली इंजेक्शन लेकर आता था। गिरोह यहां सोशल मीडिया से जरूरतमंदों को टारगेट करते थे और आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से जरूरतमंदों के साथ संपर्क करते और कम से कम 35 से 40 हजार में एक इंजेक्शन बेचा करते थे। जानकारी के अनुसार अकेले विजय नगर पुलिस ने ही अब तक 4 केस में 11 कालाबाजारी करने वालों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 14 इंजेक्शन और 5 फेवी फ्लू बरामद किए हैं। इसके अलावा लसुड़िया और कनाड़िया पुलिस ने भी आधा दर्जन मामलों में 8 से ज्यादा इंजेक्शन जब्त किए हैं।

प्राप्त जानकारी अनुसार पुलिस को लगातार जानकारी मिली थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन 35 से 40 हजार रु. में सोशल मीडिया के जरिए बेचे जा रहे हैं। गुरुवार रात को सूचना मिली थी कि 2 व्यक्ति रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में सप्लाई करने मेदांता, भंडारी और अपोलो हॉस्पिटल के आसपास आ रहे हैं। ये लोग रावट चौराहे पर खड़े हैं। सूचना के बाद पुलिस ने घेराबंदी की तो दो लोग एक्टिवा के साथ खड़े नजर आए। पुलिस को देखते ही इन्होंने दौड़ लगा दी। पुलिस ने जब इनसे रात्रि कर्फ्यू के बाद भी घूमने की वजह पूछी तो ये बहाने बनाने लगे। इस पर पुलिस ने इनके पैंट की जेब खंगाली तो 2 रेमडेसिवर इंजेक्शन इनके पास से मिले। इंजेक्शन को लेकर इनके पास कोई दस्तावेज नहीं थे।


प्राथमिक पूछताछ में इन्होंने अपना नाम 27 वर्षीय आनंद झा पिता अशोक झा निवासी ग्राम गंगूली बेनीपट्टी मधुवनी बिहार, वर्तमान पता 212 मानवता नगर कनाड़िया इंदौर बताया। उसने बताया कि वह एसएनजी अस्पताल मे हाउस कीपिंग का काम करता है। उसने इंजेक्शन पकड़े गए महेश चौहान पुत्र बंसत लाल चौहान (41) निवासी कृष्णा होम्स बिल्हेरी नर्मदा कॉलोनी जबलपुर हाल पता बी -2/4 114 पार्ट 2 नैनोसिटी लसूडिया इंदौर के साथ मिलकर बेचना स्वीकार किया।

वहीं एक आरोपी ने खुद को ड्यूटी डॉक्टर बताय। उसने बताया कि वह अस्पताल से हेर-फेर कर ग्राहकों अधिक रेट मे इंजेक्शन बेचा करता था। चौहान की तलाशी लेने पर उसके पास से भी 2 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले। उसने बताया कि वह ड्यूटी डॉक्टर है। उसने बताया कि वह हाउस कीपिंग के सुपरवाइजर के साथ मिल कर ये इंजेक्शन ब्लैक में बेचा करता था। पुलिस ने इनके पास से 4 रेमडेसिविर, 2 मोबाइल और दोपहिया वाहन बरामद किया है।

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने कई लोगों को 35 से 40 हजार रुपए में इंजेक्शन बेचे हैं। उन्होंने बताया कि ये इंजेक्शन धीरज और दिनेश को प्रवीण और असीम भाले उपलब्ध करवा रहे थे। असीम भाले को इंजेक्शन सुनील मिश्रा पिता रावेन्द्र मिश्रा उपलब्ध करवा रहा था। जानकारी अनुसार रीवा का रहने वाला सुनील मिश्रा गुजरात के मोरबी स्थित इंजेक्शन की नकली फैक्ट्री से माल लाकर इन्हें देता था। बताया जा रहा है कि गुजरात पुलिस ने सुनील मिश्रा को हिरासत में ले लिया है।


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