केवल निरीक्षण से नही सुधरेगी जिला अस्पताल की हालत, कठोर निर्णयों की प्रतीक्षा !
- कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने जिला अस्पताल का किया निरीक्षण,
- कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला अस्पताल आईसीयू वार्ड आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्थाओं देखी
- कलेक्टर ने कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भर्ती मरीजों से की चर्चा
देवास । कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने मंगलवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन सेंटर एवं कोविड-19 के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण पीपीई किट पहनकर किया तथा उपस्थित मरीजों से चर्चा भी की। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इस अवसर पर एडीएम महेंद्र सिंह कवचे, एसडीएम प्रदीप सोनी, सीएमएचओ डॉ. एमपी शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. अतुल बिड़वई सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे। लेकिन क्या केवल निरीक्षण मात्र से इस अस्पताल की दुर्दशा को सुधारा जा सकता है ? देवास के पाठक जानते हैं कि अस्पताल के जिम्मेदारों की दिशा के कारण अस्पताल की क्या दशा हो चुकी है।
अस्पताल की एंट्री से लेकर एक्सीट तक भ्रष्टाचार ने अपनी जडे़ बना ली है। यहां ईलाज भी लाईलाज हो चुका है। आपसे किन विभागों की बात करें। जिस विभाग में जायेंगे लापरवाही सामने आ जायेगी। चाहे वह गायनिक वार्ड हो, पर्ची विभाग हो या फिर सोनोग्राफी या एक्स-रे ! आज भी यहां जिम्मेदारों का टाईम टेबल अस्त-व्यस्त हैं। जब भी किसी अधिकारी का निरीक्षण होता है यहां एक दो जिम्मेदार वहीं घुमाते हैं जहां थोड़ा बहुत अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने व्यवस्था ठीकठाक कर रखी है वरना इस अस्पताल में आप बिना नाक बंद किये 1 मिनट नही निकाल सकते।
यहां कठोर निर्णयों की कलेक्टर महोदय को सख्त आवश्यकता है। यदि यहां पर प्रशासन का कोई जिम्मेदार अपने मुखबिरों को ईमानदारी से काम पर लगायेंगे और गोपनीय ढंग से यहां की अव्यवस्थाओं की जांच की जाए तो संभवतः अत्यधिक आंकड़ा भ्रष्टों का निकलकर आयेगा। और यदि ऐसा हुआ तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नही कि कलेक्टर महोदय को एक साथ नायक फिल्म के अनिल कपूर की तरह हस्ताक्षर करना पड़े !
वहीं निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने 10 बेड आई.सी.यू, ऑक्सीजन वार्ड, आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया एवं आवश्यक व्यवस्थाओं को देखकर ने निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 आईसीयू ऑक्सीजन एवं आइसोलेशन वार्ड में चिकित्सक विशेषज्ञ, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ की नियमित ड्यूटी चौबीसों घंटे 24×7 रहेगी। सभी को रोटेशन में ड्यूटी लगाई जाए। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को कोविड-19 गाइडलाइन अनुसार जांच एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अस्पताल की पूरी व्यवस्थाएं सुदृढ़ हों। मरीजों को किसी भी प्रकार की तकलीफ न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएं। उन्होंने निर्देश दिए अस्पताल परिसर की नियमित साफ-सफाई हों तथा कहीं भी गंदगी न हो। इसका भी विशेष ध्यान रखें।
कलेक्टर द्वारा बताया गया कि जिले में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं जिसके बचाव एवं संक्रमण को रोकने के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कोरोना के मरीजों का जिला अस्पताल में पूर्ण उपचार हो कि व्यवस्था जिला प्रशासन, स्वास्थ विभाग कर रहा है। शासन के निर्देशन में 10 बिस्तर का आईसीयू तैयार हो चुका है एवं ऑक्सीजन आइसोलेशन वार्ड तैयार है। जिला अस्पताल में वर्तमान में 19 मरीज भर्ती है जिसमें से दो आईसीयू में 17 ऑक्सीजन वार्ड में तथा संदिग्ध मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है जो भर्ती मरीज है वह ज्यादा क्रिटिकल नहीं है चिकित्सक की निगरानी में उपचाररत हैं। इसके अलावा जिले में अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में भी कोरोना मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा रही है। जिले में वैक्सीनेशन को गति देने के लिए लगभग 50 सेंटर पूरे जिले में एवं 10 शहरी क्षेत्र देवास में प्रारंभ किए गए हुए हैं जहां कोविड-19 का टीकाकरण किया जा रहा है। निजी अस्पतालों में भी कोरोनावायरस का टीकाकरण किया जा रहा है। शासन की गाइड लाइन के अनुसार निजी प्राइवेट अस्पताल में भी कोरोना के मरीजों का उपचार कर रहे हैं। शासन की गाइड लाइन के अनुसार उन्हें पेमेंट लेना है कोई भी अस्पताल उससे अधिक राशि मरीजों से नहीं ले सकता है। इसके लिए भी निरंतर समीक्षा और मॉनिटरिंग की जा रही है।
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