हरे पेड़ काटने पर वन विभाग द्वारा नही हुई कोई प्रभावी कार्यवाही ? मौके से पंचनामा बनाकर कटर व अन्य सामग्री जब्त की !
हरे पेड़ काटने पर वन विभाग द्वारा नही हुई कोई प्रभावी कार्यवाही ? मौके से पंचनामा बनाकर कटर व अन्य सामग्री जब्त की !
गर्मी का यह पसीना तो आपको अनुभव करवा ही रहा होगा कि गर्मी ने किस कदर पृथ्वी पर गदर मचा रखी है। जहां एक और सरकार पर्यावरण बचाने के लिए अरे पेड़ लगाने पर जोर दे रही है वहीं दूसरी ओर गर्मी को कम करने के एकमात्र स्त्रोत पेड़ों को काटा जा रहा है। इन्हीं में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पेड़ काटने से बाज नहीं आ रहे है।
हरे भरे पेड़ों को काटने का एक मामला देवास में सामने आया है जहां क्षिप्रा स्थित एक मिल की खाली पड़ी जगह में कई हरे पेड़ काट दिये गए हैं। जानकारी के अनुसार शांतिलाल नामक एक व्यक्ति द्वारा इस जगह से कई बड़े हरे पेड़ कटवा दिए गए। वहीं जब इस बात की जानकारी वन विभाग को दी गई तो आनन-फानन में विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए पंचनामा बनाया गया। बाद में पता चला कि पेड़ काटने के लिए शांतिलाल के पास कोई अनुमति ही नही थी । यही बात जब शांतिलाल से पूछी गई तो देखिए क्या कहते हैं मिस्टर शांतिलाल
इतना तो ठीक है लेकिन वहां मौजूद मजदूरों ने भी यही बताया कि अनुमति नहीं है और केवल पेड़ काटने का कहा गया है । मामले में पुलिस भी मौके पर पहुंची और शांतिलाल को थाना लाकर पूछताछ की गई।
फिलहाल मामला वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है। लेकिन पेड़ों को काटने पर न तो वन विभाग ने कोई प्रभावी कार्यवाही की और न ही पुलिस ने।
जानकारी अनुसार एक भाजपा नेता ने अपने रसूख के चलते शांतिलाल को औद्योगिक थाने से मामले को रफा-दफा करवाकर इतिश्री कर दिया गया । जबकि पंचनामा के दौरान लकड़ी काटने की कटर सहित तीन बड़ी कुल्हाड़ी जब्त की गई थी। वहीं इस संबंध में शांतिलाल ने पेड़ कटवाने की बात को नकार दिया।
जानकारी अनुसार यहा पर लगभग 5से 7 पेड़ों को काटा गया है। लेकिन भाजपा के कुछ नेताओं की रसूख ने इन माफियाओं पर कार्यवाही में अड़चन पैदा कर दी गई। इससे कई प्रश्न खड़े होते हैं कि क्या देवास के वन विभाग ने शहरी मुख्यालय पर लकड़ी माफियाओं को छूट दे रखी हैं ? क्या माफियाओं का पनपने का सही स्थान शहर की सीमा में जिम्मेदारों को दे रखा है ? यदि हॉ तो वन विभाग को पेड़ों को बचाने का यह खोखला ढंग बंद कर देना चाहिये और यह ध्यान सत्ताधारी पार्टियों को भी देना पडे़गा कि माफियाओं का साथ देने वाले छुटभय्ये नेताओं के पर कतरे जाएं !
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