देवास में आज 25 पॉजिटीव लेकिन भर गर्मी में ठंडे बस्ते में व्यवस्थाएं ?
देवास, राहुल परमार। जिले में कोरोना के आंकड़ों में लगातार वृध्दि जारी है। ऐसे में जनता में भय बना हुआ है कि कहीं सरकार अचानक लॉकडाउन न लगा दें। कोरोना के आंकड़ां को बढ़ता देख कई स्थानों पर संडे लॉकडाउन के आदेश हो चुके हैं। बीच में यह भी लोकवाद भी हुआ कि जिन शहरों में 20 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आयेंगे, वहां कई प्रकार के प्रतिष्ठानों को बंद किया जाएगा, हांलांकि इस प्रकार के किसी भी आदेश की पुष्टि फिलहाल हो नही सकी है। लेकिन यहां एक अड़ा और बड़ा प्रश्न जरुर खड़ा हुआ है। वह यह कि अचानक से कोरोना के संक्रमण में वृध्दि हुई है। कल तक यह आंकड़ा 18 था आज 25 पर पंहुच चुका है। कोरोना बुलेटिन के अनुसार संक्रमण की यह चैन लगातार बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में जिले के उच्च अधिकारियों को जनता से रुबरु होने का समय है लेकिन वह तो फिलहाल वातानुकूलित क्षेत्र में आराम कर रहे हैं। यदि इनसे जानकारी के लिए फोन भी लगा दिया जाता है तो फोन उठाना इनके दैनिक कार्यों की सूची में नही है। कोरोना के इस भयावह दौर में ऐसे निष्क्रिय अधिकारियों से और अपेक्षा भी क्या की जावे। चुंकि जनता ने यह दर्द झेला है। जनता के किराना और व्यवसाय आदि सब कुछ दाव पर है। अधिकारियों और बड़े व्यापारियों के सब जुगाड़ बने हुए हैं।
जनता के मन में प्रश्न है कि 25 लोगों के संक्रमण का आंकड़ा पंहुचने पर प्रशासन की प्रतिक्रिया क्या होगी ? क्या प्रशासन नए नियमों के तहत अपने 144 के आदेश में संशोधन करेगा ? या फिर कोई नया आदेश आयेगा। या फिर शहर भी संडे लॉकडाउन की श्रेणी में आ जायेगा। आपको बता दें पहले ही प्रदेश के मुखिया ने त्यौहारों को लेकर निर्देश जारी किये हुए हैं । जनता में असमंजस की स्थिति बनाने वाले और कोई नही, देवास के ही उच्च पदों पर आसीन जिम्मेदार अधिकारी हैं। बहरहाल यह कहना तो मुश्किल है कि आंकड़ों के बढ़ने पर प्रशासन का क्या ईरादा है ? लेकिन यह कहना थोड़ा आसान लग रहा है कि खुद के आंकड़ों को सुधारने में प्रशासन के जिम्मेदार जमकर डटे हुए हैं। कोरोना को लेकर प्रशासन की सारी व्यवस्थाएं महात्मा गांधी चिकित्सालय चिल्ला-चिल्लाकर बोल देगा, बस आपकों वहां का एक चक्कर लगाना है। और इन्हीं व्यवस्थाआें को प्रशासन के जिम्मेदार भर गर्मी में ठंडे बस्ते में रखकर अपने निवास पर रोजाना लाना ले जाना कर रहे हैं।
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