बिजली बिल को कम करने के लिए अपनायें जा सकते है ये उपाय ?





 बिजली बिल ज्यादा आने के कारण आप डिजिटल मीटरों या बिजली कंपनी को कोसते हैं। विद्युत उपकरणों के अधिक उपयोग से बिजली का बिल ज्यादा आता है। यदि आप थोड़ी सी सावधानी बरतें तो विद्युत बिल ज्यादा आने की समस्या कम हो जायेगी। इसके लिए आपको अपनी आदतों में कुछ बदलाव करना होगा। एक ऑकलन के अनुसार अधिकांश शहरवासी रिमोट चलित विद्युत उपकरणों को “स्टैंडबाय” मोड पर छोड़़ देते हैं, जिससे उपकरण तो बंद हो जाते हैं परन्तु इनमें सतत् विद्युत प्रवाहित होती रहती है। एक सर्वे के अनुसार 70 फीसदी लोग टी.वी. रिमोट से ही ऑन-ऑफ करते हैं बजाय मेन स्विच के जिससे टी.वी.ऑफ होने के बावजूद भी पावर सप्लाई चालू रही है। इससे 21 इंच के टी.वी. में 15 वाट का करंट निरन्तर प्रवाहित होता रहता है एवं आपके मीटर को आगे बढ़ाता रहता है, जिसके कारण 70 फीसदी लोगों को हर महीने लगभग 100 रूपये और हर साल 1200 रूपये का अतिरिक्त भार सहना पड़ता है।

अपने घरों में एलईडी बल्ब, एलईडी ट्यूबलाईट एवं कम विद्युत खपत वाले पंखे लगाकर घर में बिजली की 30 प्रतिशत तक बिजली बचत की जा सकती है। घरों में म्यूजिक सिस्टम, टी.वी., ए.सी., कम्प्यूटर आदि स्टैंडबाय मोड पर 5 से 15 वॉट तक बिजली की खपत करते हैं। अगर महीने भर भी टी.वी. बंद रहे तब भी 15 वॉट के हिसाब से एक दिन में 0.36 यूनिट व 30 दिन में 10.8 यूनिट बिजली खर्च होती है। इसी तरह कम्यूटर के मॉनिटर एवं कॉपीअर्स को स्लीप मोड में रखने से लगभग 40 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है। एलईडी मॉनिटर का प्रयोग करें, यह पारंपरिक सी.आर.टी. मॉनिटर की तुलना में कम ऊर्जा खर्च करता है। यदि कम्प्यूटर को चालू रखना आवश्यक हो तो मॉनिटर अवश्य बंद रखें, जो कि कुल ऊर्जा का 50 प्रतिशत से अधिक खर्च करता है। वर्तमान में एलईडी बल्ब ऊर्जा बचत हेतु अति उत्तम विकल्प है, इनके उपयोग से हम बिजली की बचत कर सकते हैं। एक 40 वाट के साधारण बल्ब के प्रकाश के बराबर के प्रकाश के लिए 4 से 5 वाट क्षमता के एलईडी बल्ब की आवश्यकता होती है। एलईडी बल्ब परंपरागत बल्ब की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक प्रकाश देते हैं एवं इनकी टिकाऊ होने की अवधि सामान्य बल्ब की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है। वर्तमान में नियमित पंखों के स्थान पर बीईई फाईव स्टार रेटिंग वाले उच्च दक्षता के पंखे उपलब्ध हैं, जो कि ऊर्जा की बचत करने में सहायक होते हैं।
घरों में फ्रिज के पीछे कंडेंसर क्वाईल पर जमी धूल के कारण मोटर को अधिक कार्य करना पड़ता है एवं बिजली ज्यादा लगती है। अतः क्वाइल्स को नियमित साफ करें। फ्रीजर की नियमित डीफ्रास्टिंग आवश्यक है, जिससे कूलिंग करने हेतु फ्रिज को अधिक कार्य करना पड़ता है एवं इससे अधिक ऊर्जा का अपव्यय होता है। अपने घरों व कार्यालयों में एयर कंडीशनर्स 25 डिग्री सेंटीग्रेड की सेटिंग पर न्यूनतम खर्च में अधिकतम समुचित आरामदेह वातानुकूलन प्राप्त होता है। पुराने एवं रिपेयर किए हुए एसी की दक्षता कम होती है। इसकी तुलना में नए ऊर्जा दक्ष एसी खरीदना बेहतर एवं किफायती है। एक अच्छा एसी लगभग 30 मिनट में एक कमरे को ठण्डक प्रदान कर देता है अतः टाइमर का प्रयोग कर एसी कुछ समय के लिए बंद कर दिया जा सकता है।

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