हम विवेकानन्द है, हां हम विवेकानन्द है...।
कवि - विशाल राड़वा, ग्राम - गुंजली, तह.-पुनासा
हम विवेकानन्द है
हां हम विवेकानन्द है...।
है अगर पुरुषार्थ जिंदा
है दया का भाव हम में
तो हम विवेकानन्द है......।।
है अगर विवेक वाणी
है करुणा का भाव हम में
तो हम विवेकानन्द है......।।
है अगर द्रढ़ विश्वास अपना
है कोटि उच्च विचार हम में
तो हम विवेकानन्द है......।।
है अगर भारतत्व जिंदा
है कृष्ण सा गुरुत्व हम में
तो हम विवेकानन्द है......।।
है अगर अनीति से अप्रेम हमको
है राष्ट्र गौरव का अभिमान हम में
तो हम विवेकानन्द है......।।
है अगर समर्पण का भाव जिंदा
है तरंगिणी सी चाल हम में
तो हम विवेकानन्द है......।।
है वाणी,कौशल और चातुर्य जिसमे
केसरी सी दहाड़ रखता
सब रंगों को बेनूर कर
जो गेरुए को सिर ताज रखता
तो हम विवेकानन्द है
तो हम विवेकानन्द है........।।
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