नगर की जीवनदायिनी माँ कालीसिंध नदी के पवित्रीकरण के लिए नगरवासियों ने सौपा ज्ञापन
निराकरण न होने पर धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल तथा आगामी चुनावों का बहिष्कार करने के लिए चेताया
सोनकच्छ :- नगर के लगभग 18000 से अधिक नगरवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने वाली नगर की एकमात्र जीवनदायिनी कालीसिंध नदी में नगर व ग्रामीण क्षेत्र का गंदा पानी मिल रहा है । तथा बहुत सेेे लोगों द्वारा पीनेेे के पानी में खुलेआम मवेशियों को नहलाया जा रहा है प्रशासन को इस सम्बंध में कई बार अवगत कराने के बाद भी समस्या का निराकरण न होने की दशा में सोमवार को पीड़ित नगरवासियों द्वारा सुबह 11:30 बजे स्थानीय जैन मंदिर परिसर पर एकत्र होकर एक गैर राजनीतिक रैली निकालकर अनुविभागीय अधिकारी शिवानी तरेेेेेटिया को एक ज्ञापन सौंपा गया ।
ज्ञापन में नगरवासियों ने बताया कि जीवनदायिनी कालीसिंध नदी पर बने डेम में साँवेर पंचायत के ग्राम गंजपुरा से एक कच्चे नाले के माध्यम से निकलने वाला मलमूत्र का पानी कतिपय लोगों द्वारा डेम में भरें पानी में षडयंत्र पूर्वक मिलाया जा रहा है । प्रशासन की अनदेखी के कारण नगरवासी मलमूत्र मिला यह गन्दा पानी पीने को मजबूर है । डेम के बाद नदी के उत्तरी भाग में डेम से लेकर पुलिया तक नगर के समस्त वार्डो तथा गंजपुरा, नागझिरी साँवेर क्षेत्र के ड्रेनेज का गन्दा पानी भी कई वर्षों से छोड़ा जा रहा है । नदी के करीब 1 किमी के क्षेत्र में मलमूत्र का यह गंदा पानी जमा रहता है, जिसके कारण नदी में कई फ़ीट गन्दे कचरे की गाद जम गई है जिस पर जंगली झाड़ियां उग रही है । नदी में जमा इस बदबूदार पानी से नदी के दोनों ओर रहने वाले रहवासियो व पैदल चलने वाले लोगों को बदबू को सहन करना ही पड़ती है, साथ ही यहां पनप रहे जहरीले मच्छर व डास के काटने से मलेरिया, डेंगू जैसी कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है । वही धार्मिक दृष्टि से भी यह समस्या अत्यंत गम्भीर है, क्योंकि नदी के एक तट पर नगर के की आस्था का केन्द्र प्राचीन पिपलेश्वर महादेव मन्दिर उदासीन आश्रम, श्री दत्त हनुमान मंदिर, अखण्ड़ आनन्द आश्रम, मुक्तिधाम, भैरव मन्दिर तथा मुस्लिम समाज की मस्जिद, गरीब शाह दाता की दरगाह, मदरसा, कब्रिस्तान स्थित है, जहां प्रतिदिन सैकड़ो तथा पर्व पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है ।
नगरवासियों ने अनुविभागीय अधिकारी महोदया से निवेदन किया है कि नदी का मुआयना कर नदी में मिलने वाले इस गन्दे पानी को जल्द से जल्द नदी के दोनों ओर से नालिया या पाइप लाइन के माध्यम से पुलिया के बाहर निकालवाने का कष्ट करें, और साथ ही प्रशासन को चेताया कि समस्या का निराकरण न होने की स्थिति में नगरवासियों को धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल तथा आगामी चुनावों का बहिष्कार करने के लिए बाध्य होना पड़े।
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