Video : पेंच टाइगर रिजर्व में दिखा काला तेंदुआ, बढ़ा पर्यटकों का उत्साह !

सिवनी । मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व खवासा बफर तेलिया क्षेत्र में बघीरा (काला तेंदुआ) सरपट दौड़ता सैलानियों को जुलाई माह से दिख रहा है। अब जाकर पार्क प्रबंधन इसकी पुष्टि कर सका है। पेंच टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार ने बताया कि मादा तेंदुआ के साथ तीन शावक दिखाई दे रहे हैं। इनमें से एक शावक तेंदुआ काले रंग का है। तेंदुए के इलाके की लगातार मानीटरिंग की जा रही है। काला तेंदुआ शावक 27 जुलाई को सबसे पहले दिखाई दिया था। 17 सितंबर व 28 नवंबर को भी पर्यटकों को सफारी के दौरान काला तेंदुआ शावक नजर आया हैं। काला तेंदुआ दिखाई देने से सैलानियों में सफारी का रोमांच कई गुना बढ़ गया हैं।



बढ़ा पर्यटकों का उत्साह

काले तेंदुए को पर्यटक बघीरा के नाम से पुकार रहे हैं। इसकी एक झलक पाने तेलिया क्षेत्र में सफारी करने पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। 'द जंगल बुक' के प्रमुख किदार भेड़िया बालक मोगली की जन्म भूमि पेंच नेशनल पार्क को माना जाता हैं। मोगली और बघीरा के बीच गहरी दोस्ती के किस्से मशहूर हैं। कहानी के इसी पात्र बघीरा से काले तेंदुए को जोड़ा जा रहा हैं। हालाकि विशेषज्ञों के मुताबिक मेलेनिस्टिक (जींस) कारणों से कई वन्यजीवों का रंग बदल जाता हैं, काला तेंदुआ भी इसी का नतीजा हो सकता हैं।

दिखते ही ओझल हो जाता हैं काला तेंदुआ

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर, गाइड, जिप्सी चालक व सैलानियों में काले तेंदुए को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा हैं। तेंदुआ बेहद फुर्तीला वन्यजीव माना जाता है, जो मुश्किल से सैलानियों को नजर आता है। काला तेंदुआ शावक को देखने के लिए पर्यटकों को फाफी इंतजार करना पड़ता है। झाड़ियों व पेड़ों के बीच दौड़ता बघीरा (काला तेंदुआ) कई सैलानियों को दिखाई दिया हैं, लेकिन चंद सेकंड में तेंदुआ शावक आंखों से ओझल हो जाता हैं।




प्रबंधन ने बढ़ाई चौकसी !

एहतियात के तौर पर कैमरा ट्रैप लगाकर संबंधित क्षेत्र की निगरानी की जा रही थी। साथ ही माता तेंदुआ व शावकों की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। क्षेत्र में चैकसी बढ़ा दी हैं।

पेंच टाईगर रिजर्व में काला तेंदुआ शावक सफारी के दौरान दिखाई दे रहा हैं, इससे पर्यटकों में उत्साह हैं। मादा तेंदुआ सहित सभी शावकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई। इलाके में निगरानी के लिए कैमरे भी लगाए गए हैं। 

 -विक्रम सिंह परिहार, फील्ड डायरेक्टर, पेंच नेशनल पार्क सिवनी,

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