मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के 13 हजार स्व-सहायता समूहों 150 करोड़ रुपये वितरित किये !
देवास जिले के 465 महिला स्व सहायता समूहों को 4 करोड़ 65 लाख रूपये का ऋण वितरित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के आशा आजीविका स्व सहायता समूह की अध्यक्षा श्रीमती साधना नागर से की चर्चा
देवास / स्व सहायता समूह की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए देवास जिले के ग्राम खेताखेड़ी (ग्राम पंचायत बरखेड़ा कोतापाई) में रविवार को गरीब कल्याण स्ताह अन्तर्गत स्व-सहायता समूहों का सशक्तिकरण क्रेडिट कैम्प आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा भोपाल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्व सहायता समूह की महिलाओं चर्चा की गई। प्रदेश स्तईरी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 13 हजार स्व-सहायता समूहों से जुड़े एक लाख 30 हजार से अधिक जरूरतमंद ग्रामीण परिवारों को एक ही दिन में लगभग 150 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किये। प्रदेश में स्व-सहायता समूहों के वार्षिक ऋण वितरण का लक्ष्य बढ़ाकर 1400 करोड़ किया गया है। आजीविका मिशन के माध्यम से प्रदेश में अब तक 33 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ कर लगभग 1523 करोड रूपये बैंक ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की गयी है। आने वाले तीन वर्षों में लगभग 33 लाख महिलाओं को समूहों से जोड़ा जायेगा।
इस अवसर पर प्रदेश की पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नरेन्द्रसिंह राजपूत, श्री राजीव खंडेलवाल, कलेक्टर श्री चन्द्रमौली शुक्ला, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती शीतला पटले, एडीएम श्री प्रकाशसिंह चौहान, श्रीमती रीना धर्मेन्द्र नागर, श्री विनोदसिंह ठाकुर, श्री ईश्वरसिंह, श्री पवनसिंह, श्री धर्मेन्द्र चौधरी, स्व सहायता समूह की महिला सदस्यगण तथा अन्य ग्रामीणजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खेताखेड़ी के आशा आजीविका स्व-सहायता समूह की अध्यक्षा श्रीमती साधना नागर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने समूह से जुड़ने से पूर्व की स्थिति, समूह से जुड़ने के पश्चात की स्थिति, आमदनी बढ़ने से जीवन में आये बदलाव, समूह में शामिल होने के बाद आपकी सोच में आये बदलाव आदि के संबंध में विस्तार से चर्चा की। श्रीमती नागर ने बताया कि पूर्व में उनके घर की आर्थिक स्थिति
ठीक नहीं थी, मजदूरी करके जीवन यापन करना पड़ता था। महिला स्व सहायता समूह से जुडने के बाद उसने 10वीं की पढ़ाई के बाद स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है, जिससे स्व सहायता समूह को चलाने में काफी मदद मिल रही है। साथ ही वह समूह की अन्य महिलाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं। समूह से जुडकर 10 हजार रूपये का ऋण लेकर छोटी से कपड़े की दुकान प्रारंभ की। दुकान चलने के बाद फिर से 75 हजार का ऋण लेकर दुकान को और बढ़ाया। वर्तमान में दुकान अच्छी चल रही है और प्रतिमाह लगभग 12 से 15 हजार रूपये की आमदनी हो रही है। श्रीमती नागर ने बताया कि आमदनी बढ़ने पर बिटिया का अंग्रेजी स्कूल में एडमिशन कराया और आने जाने के लिए एक स्कूटी भी खरीद ली है। अब उसका जीवन खुशहाल और अच्छी तरह से चल रहा है। इसके लिए श्रीमती नागर ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को बहुत–बहुत धन्यवाद दिया। श्रीमती नागर ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को ग्राम खेताखेड़ी में महिला स्व सहायता समूह के साथ भोजन के लिए आमंत्रित भी किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चर्चा के दौरान श्रीमती नागर से पूछा कि गांव में उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण तथा पात्रता पर्ची से राशन का लाभ मिला है। इस श्रीमती नागर ने बताया कि सभी पात्र हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला स्व सहायता समूह से जुडकर महिलाएं स्वावलम्बी बनी हैं। स्व सहायता समूहों की महिलाओं को सरकार ऋण देकर विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों में जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम कर रही है। महिलाएं समूह के माध्यम से किराना दुकान, कपड़ा दुकान, जुते चप्पल की दुकान, सिलाई, ब्यूटी पार्लर, सेनेटरी पेड निर्माण, मॉस्क व पीपीई किट निर्माण, पशु पालन व मुर्गीपालन के अलावा दीदी कैफे, ढ़ाबा/होटल व्यवसाय करके अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही हैं। इसके पहले महिलाएं खेती व मजदूरी करके अपना गुजारा करती थीं। महिला स्व सहायता समूह के बाद महिलाओं के परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
उल्लेखनीय है कि जिले के 465 महिला स्व सहायता समूहों में 4 हजार 700 महिलाएं जुड़ी हैं। प्रत्येक समूह में लगभग 10 महिलाएं होती हैं। इन समूहों को मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक मुख्य शाखा देवास, बैंक ऑफ इंडिया एवं अन्य बैंकों द्वारा 4 करोड़ 65 लाख रूपये का सीसीएल वितरण किया गया। महिलाओं के स्व सहायता समूहों को बैंक द्वारा समय समय पर ऋण दिया गया है, जिसका नियमित रूप से शतप्रतिशत भुगतान समय पर किया है। जिले का कोई भी स्व सहायता समूह डिफाल्टर नहीं है।
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा प्रायः प्रतिमाह इस तरह के समूह बैंक ऋण शिविर आयोजित कर प्रदेश के दस लाख ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों को सरलता से ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बैंकों के साथ व्यापक समन्वय स्थापित किया है। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निर्धन परिवारों की महिला सदस्यों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ कर उनके सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण के लिये सतत प्रयत्नशील है।
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