अनुसूचित जाति एवं जनजाति पीड़ितों को राहत जल्द मिले, नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम के क्रियान्वयन हुई बैठक
नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 तथा अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के प्रावधानों के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक मंत्रालय में प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जैसे ही न्यायालयों में सामान्य कामकाज प्रारंभ हो तत्काल लंबित चालान प्रस्तुत किये जाएं। इसी प्रकार विशेष न्यायालयों में विचाराधीन मामलों में शीघ्र सुनवाई के लिये उच्च न्यायालय का ध्यान आकृष्ट करने के लिये विधि विधायी कार्य विभाग के उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। बैठक में निर्देश दिये गये कि पीड़ित व्यक्तियों को राहत भुगतान लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत समय-सीमा में की जाए।
बैठक में आयुक्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण, अपर सचिव विधि एवं विधायी कार्य विभाग, पुलिस महानिरीक्षक आ.जा.क., उप सचिव गृह विभाग तथा लोक संचालक लोक अभियोजन के प्रतिनिधि मौजूद थे।
नागरिक अधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ
प्रदेश में आयुक्त अनुसूचित विकास के अधीन कार्यालय नागरिक अधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ (पीसीआर सेल) बनाया गया है। इसके साथ ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आ.जा.क. के अधीन 51 जिलो में विशेष पुलिस थाना। 51 उप पुलिस अधीक्षक आ.जा.क., 10 रेंज पुलिस अधीक्षक आ.जा.क. कार्यालयों की स्थापना के साथ विधि विधायी कार्य विभाग के अन्तर्गत 50 जिलो में विशेष न्यायालय कार्य कर रहे हैं।
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