विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा पुन: पंजीयन का निर्णय गैर जरूरी डीएसओ ने सौंपा ज्ञापन
देवास। गैर जरूरी और आनन-फानन में जारी छात्र सूचना प्रणाली एसआईएस के तहत अलग से पंजीयन कराने की प्रक्रिया को बंद कर विश्वविद्यालय के पास पूर्व में सुरक्षित छात्रों की जानकारी के आधार पर उनके परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग को लेकर कृष्णा जी राव पवार केपी कॉलेज और श्रीमंत तुकोजीराव पवार साइंस कॉलेज के माध्यम से विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलपति को ज्ञापन भेजा। महाविद्यालय संयोजक विनोद प्रजापति और विजय मालवीय ने कहा कि अभी हाल ही में विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए उनके अलग से ऑनलाइन पंजीयन कराने का निर्देश जारी किया गया है जिसमें छात्रों को मात्र 7 दिन के अंदर उनके नामांकन नंबर के साथ आधार कार्ड, ब्लड गु्रप सहित पंजीयन कराना है। यह समझ से परे है कि छात्रों के परीक्षा परिणाम से उनके आधार नंबर और ब्लड ग्रुप का क्या संबंध है।
ज्ञात हो कि प्रथम द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के लगभग सभी छात्र अपनी निर्धारित परीक्षा फीस के साथ परीक्षा फॉर्म जमा करा चुके हैं जिसके आधार उनका परीक्षा परिणाम घोषित किया जा सकता है, जो छात्र पहले से ही पंजीकृत हैं और परीक्षा परिणाम में जरूरी तथ्य विश्वविद्यालय के पास होते हुए भी उन्हें फिर से पंजीयन कराने का निर्णय छात्रों को ऑनलाइन की दुकान के बाहर लाइन में खड़ा कर परेशान करना है और कुछ नहीं । कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए लोग घरों में बंद है और अधिकांश छात्र शहर छोड़ कर अपने अपने गांव जा चुके हैं जहां ना तो उन्हें कोई पर्याप्त जानकारी पहुंच पाती है और ना ही ऑनलाइन जैसी सुविधा उपलब्ध है और कोरोना के बढ़ते कहर से बचने के लिए लोग अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं तब ऐसे छात्र जिन्होंने अपना ब्लड गु्रप पता नहीं है उनके लिए इस तरह की गैर जरूरी जानकारी देना कैसे संभव होगा।
आज पूरा देश संकट की स्थिति से गुजर रहा है और छात्र समुदाय भी इससे अछूता नहीं है ऐसे में उनकी मदद के लिए निशुल्क परीक्षा फॉर्म भरने की सुविधा विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती लेकिन इसके उलट परीक्षा फीस तो पूरी जमा करा ली गई बावजूद उसके 20 रू चार्ज जो ऑनलाइन वाले 50 तक वसूल रहे हैं उनका पंजीयन कराने का निर्णय न सिर्फ छात्रों को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताडि़त करने वाला है बल्कि विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों पर तुगलकी फरमान थोपने जैसा है । प्रिंसिपल ने छात्रों से ज्ञापन लेने से मना कर दिया इस बात से नाराज सभी छात्र कलेक्टर ऑफिस गए वहां पर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी परेशानी बताई कि एस आई एस (स्टूडेंट इनफॉरमेशन सिस्टम) को रद्द किया जाए कॉलेज द्वारा छात्रों को सही जानकारी दी जाए। ज्ञापन देते समय रोहित राठौर, नितेश शिंदे, देवेंद्र चौहान, जब्बार पटेल, मेहरबान ,मुकेश डिंडोरिया आदि छात्रों उपस्थित थे।
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