घरों की बिजली कनेक्शन काटने के विरोध में जनता ने जलाएं बिजली बिल
-ज्यादा रीडिंग के बिजली बिल आने से शहर की जनता परेशान
देवास। शहर की जनता कोरोना संकट के समय में एक जगह एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकती। इसलिए शिवसेना के नेतृत्व में विरोध स्वरूप घरों की लाइट काटने के पर बिजली के बड़े हुए बिलों के विरोध में जनता अपने घर पर ही बिजली बिल जलाकर विरोध दर्ज करा रही है। जनता की आवाज को उठाने का नया तरीका शिवसेना ने निकाला है, शिवसेना जिलाध्यक्ष रोहित शर्मा ने शहर की विद्युत मंडल कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तो पूरा देश व शहर कोरोना संकट से जूझ रहा है। दूसरी तरफ एक नई संकट की शुरुआत हो गई है। संकट शहर की जनता के लिए विद्युत मंडल ने खड़ा किया है। जिस प्रकार से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने लॉकडाउन के समय पूरा प्रदेश कोरोना संकट से जूझ रहा था। तब जनता को राहत देने के लिए विद्युत मंडल को विद्युत संबंधित बदलाव करते हुए जानकारी मीडिया को दी गई, जिसमें बताया था कि जिन लोगों के बिजली बिल व रीडिंग बढक़र आ रही है। उनमें तत्काल संशोधित किया जाए। लेकिन शहर में कोरोना संकट के काल में विद्युत मंडल जनता के लिए संकट बनकर उभरा है। पूरे शहर में कोरोना का साया है, रोजगार के अवसर पूरी तरह खत्म हो गए हैं और सबसे गरीब वर्ग के व्यक्ति जो कि ट्रांसपोर्ट पर मजदूरी करते हैं, बसों व मैजिको को चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। लेकिन वर्तमान में वह बुरी तरह से बेरोजगार है। अब उनके पास घर का खर्च चलाने तक के भी पैसे नहीं है। बिल नही भरने पर विद्युत मंडल के कर्मचारी लोगों के घरों पर जाकर लाइट काट रहे हैं और संकट की घड़ी में प्रताडि़त कर रहे है। पीडि़त शहरवासियों की न तो विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी और ना ही सत्ता में बैठी भाजपा सुध ले रही है। सत्ता के नशे में चूर भाजपा शहर के लोगों की सुध ले और विद्युत मंडल को निर्देशित करे कि वर्तमान में बिजली बिल जमा नहीं होने पर लाइट नहीं काटी जाएगी। नही तो तब तक शिवसेना अपना विरोध दर्ज करवाती रहेगी। शासन प्रशासन को इन गरीब लोगों की सुध लेना चाहिए और इन सभी क बिजली बिल में राहत देनी चाहिए।
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