जलता हुआ सवाल : लोकतांत्रिक देश में बोलने की अभिव्यक्ति की आजादी सब को मिली है मगर .... ?
राजू नामदेव,
लोकतांत्रिक देश में बोलने की अभिव्यक्ति की आजादी सब को मिली है मगर
लिखने से पहले इस बात पर विचार करना जरूरी है
राजनीति में बुराई कब अच्छाई में बदल जाए
कल कौन होगा राजनीति का स्वामी वक्त के गर्भ में छुपी कहानी है
सरकार का गिराना और सरकार का बनाना
बहुत पुराना खेल है इससे पहले भी कई सरकारें इस प्रकार गिराई और बनाई गई है
परिवर्तन संसार का नियम है और हमारी मर्यादा है हमारे संस्कार को दर्शाती है समय चक्र अपना काम कर रहा है हमें भी अपना परिचय देना है इसलिए हम किसी के प्रति बद्दी और अपमानित असंतुलित की भाषा का इस्तेमाल ना करें सारे निर्णय परिस्थिति अनुसार लिए जाते हैं कौन सी परिस्थिति में कौन सी घटना का जन्म हुआ है यह तो आने वाला वक्त तय करेगा हम जिस प्रकार जिनका सम्मान करते आए हैं उसे कायम रखना है और धैर्य का परिचय देना है हम जिस दल से भी जुड़े हो हमें संगठन को सर्वोपरि मानकर उसके निर्णय का स्वागत करना यही हमारी संगठन भक्ति मानी जाती है और हमें इसका पालन करना चाहिए जब हमें अच्छा बोलकर कुछ नहीं प्राप्त हुआ तो हम बुरा बोल कर क्या प्राप्त कर लेंगे मैं समझ रहा हूं के कार्यकर्ता के अंदर गुस्सा काफी पनप रहा है इंतजार करें यह वक्त है यह भी गुजर जाएगा फिर एक नया सवेरा आएगा
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