बिना दहेज और आडंबर के संपन्न हुआ विवाह
समाज से दहेज जैसी कुरीति को समूल नष्ट करने का संकल्प समाज के युगल जोड़े ने लिया जिसमे विवाह मात्र 17 मिनट में बिना दान-दहेज, पंडित, भोज, भारी भरकम खर्चों से विरक्त बिल्कुल सादगी से सम्पन हुआ ।
संत रामपाल ने सत्संग और साहित्य के माध्यम से अपने अनुयायियों को यह आदेश दिया है कि वह अपनी बेटी और बेटे का विवाह बिल्कुल सादगी से और चंद मेहमानों की मौजूदगी में करें और इस विवाह में किसी भी प्रकार का दहेज और अन्य कुरीति का पालन नहीं करना है जिससे कि समाज में बेटी को बोझ न माना जाए और दहेज जैसी कुरीति को जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया जाए दहेज ने न जाने कितने घर बर्बाद किए, न जाने कितने लोगों का पैसा कोर्ट कचहरी में चला गया और न जाने कितनी बेटियां जलाकर मार दी गई। गौरतलब है कि युगल ने यह विवाह इन्ही संकल्पों और आदेशो के चलते लिया ।
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