टिड्डियों के नियंत्रण के लिए कृषि विभाग ने कीटनाशक औषधी का किया छिड़काव

देवास जिले में फिर से टिड्डी दल के प्रवेश की संभावना, टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए कृषकों के लिए उपयोगी सलाह


देवास 21 मई 2020/ उपसंचालक कृषि नीलम चौहान ने बताया कि गत दिवस जिले में कई स्थानों पर टिड्डी दल का आक्रमण किया जिसमें विकासखण्ड देवास के ग्राम बांगरदा, भीमाखेड़ी, विकासखण्ड टोंकखुर्द के ग्राम इकलेरामाताजी, सोनकच्छ के ग्राम पटाडिया नजदीक, विकासखण्ड बागली के ग्राम रातातलाई, पिपरी, जोशी बाबा के जंगल, विकासखण्ड कन्नौद के ग्राम बोरकुण्डिया, टिपरास, खपरास, गोला गठान एवं खातेगांव के ग्राम पुराना मेल पिपल्या आदि ग्राम शामिल है।



उपसंचालक कृषि ने बताया कि इन ग्रामों में भारत सरकार के केन्द्रीय दल एवं कृषि विभाग के कृषि अधिकारियों एवं मैदानी अमले द्वारा प्रातः काल में कीटनाशक औषधी का छिड़काव कराकर टिड्डियों का नियंत्रण की कार्यवाही की गई एवं सतत निगरानी रखी जा रही है एवं किसानों को जागरूक कर सलाह दी जा रही है। उन्होंने बताया कि आज और कल टिड्डीयों का एक बड़ा दल पुनः देवास जिले में प्रवेश करने की संभावना है चूंकि सघनता ( 2-3 किलो मीटर का दायरा ) अधिक होने के कारण सभी को समाप्त नहीं किया जा सकता ऐसी स्थिति में आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है। सभी किसानों से निवेदन है कि सजग एवं सतर्क रहे।



टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु कृषकों के लिए उपयोगी सलाह / उपाय


उपसंचालक कृषि ने बताया कि टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु ट्रेक्टर चलित स्प्रेपम्प, फायर बिग्रेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। टिड्डी दल सामान्यतः सूर्यास्त होने के पश्चात् रात्रि 8:00 बजे के लगभग एक स्थान पर रूकता है। इसकी सूचना प्राप्त होते ही इसके नियंत्रण के लिए रात्रि में ही संसाधनों की व्यवस्था कर प्रातः 4:00 बजे से सूर्यास्त के पूर्व नियंत्रण हेतु कार्यवाही करें। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर उनको अपने खेतों पर बैठने ना दे। प्रकाश प्रपंच लगाकर के एकत्रित करें। खेतों में कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उसके अण्डों को नष्ट करें। यदि अतिआवश्यक हो तो बेनडियोकार्ब 80 डब्ल्यूपी की 125 ग्राम को 500 लीटर पानी में मिलाकर के प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करें या मेलाथियान 5 प्रतिशत डीपी की 25 किलो मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें। यदि शाम के समय टिड्डी दल का प्रकोप हो गया है तो सुबह 3 से 5 बजे तक तुरन्त अनुशंसित कीटनाशी दवाये ट्रेक्टर चलित स्प्रेपम्प (पावर स्प्रे ) द्वारा जैसे क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी 1200 मिली 0 या डेल्टामेथ्रिन 2.8 प्रतिशत ईसी 600 मिली 0 अथवा लेमडासाइलोथिन 5 प्रतिशत ईसी 400 मिली 0 प्रति हेक्टेयर 600 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें। कृषक टिड्डी दल के आक्रमण के समय यदि कीटनाशी दवा उपलब्ध नहीं होने पर टेक्टर चलित स्प्रेपम्प ( पावर स्प्रे ) के द्वारा तेज बौछार से भगाया जा सकता है।



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