चुनाव के बाद फिर आमने-सामने दो नेता ? हाटपिपल्या में चुनावी नाटकीय दौर !
हाटपिपल्या के उपचुनाव के सरगर्मी तेज , भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पंहुचे देवास
देवास । प्रदेश में उपचुनाव की सुगबुगाहट होते ही कई विधानसभा के प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी प्रारंभ कर दी है। देवास के विधानसभा क्रं 172 में विधायक मनोज चौधरी के त्याग पत्र के बाद अब उपचुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। इस बार उपचुनाव में कांग्रेस से भाजपा से आये मनोज चौधरी को भाजपा अपना प्रत्याशी लगभग घोषित कर चुकी है। वहीं कांग्रेस में हर बार की तरह इस बार भी अपने गुप्त प्रत्याशी को गुप्त ही रखा है। पिछले चुनावों में आमने सामने हुए दो प्रत्याशी मनोज चौधरी और दीपक जोशी एक ही पार्टी में हैं। इस विधानसभा में सामाजिक समीकरणों का एक अलग महत्व है। लेकिन उससे पहले भाजपा को अंदरुनी कलह को निपटाना आवश्यक होगा। सबसे पहले तो सीट की जीत को लेकर पार्टी का आत्मबल कमजोर दिखाई दे रहा है। शायद यही वजह है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव को इन नेताओं के मध्य संबंध स्थापित करने में अहम भूमिका निभानी पड़ रही है। हालांकि महासचिव का प्रस्तावित दौरा ऑनलाइन राष्ट्रीय अध्यक्ष को देखने के लिए देवास आने का था। इसी के पूर्व महासचिव ने मनोज चौधरी और दीपक जोशी से बंद कमरे में कई चर्चा की।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पहुंचे भाजपा कार्यालय, बिना सोशल डिस्टेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का फेसबुक लाइव भी देखा !
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने देवास पंहुचकर भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं से भेंट की और आगामी दिनों में होने वाले उपचुनाव को लेकर मार्गदर्शन भी किया। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का फेसबुक लाइव के माध्यम से संबोधन भी सुना। इस अवसर पर उनके साथ भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल, पूर्व विधायक मनोज चौधरी सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष का फेसबुक लाइव देखा। इस दौरान प्रधानमंत्री के संबोधन पर जनता को राय देने वाले नेताओं ने सोशल डिस्टेंस का जोरदार मजाक बनाया। केवल शब्दों मात्र में सोशल डिस्टेंस का बोध था। पहले तो कुर्सियों को थोड़ा दूर-दूर जमाया गया, जैसे ही फेसबुक लाइव प्रारंभ हुआ, सोशल डिस्टेंस को भूलकर कार्यकर्ताओं ने आपसी एकता का नया सुत्र जगजाहिर कर दिया। वहीं अपने पसंदीदा नेता की गाड़ी में ठूंसकर भरे नेताओं का रुतबा ही अलग है।
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