कोरोना महामारी के दौर में डॉक्टरों को समर्पित कुछ पंक्तिया - वरुण राठौर
तुम अचरज में कैसे हो,
ये पहली दफा नहीं है,
पत्थर पहले भी पढ़ते थे,
पर यह वो जगह नहीं है,
तुम रावण को जानते हो,
ये राम का काम नहीं है,
दुनिया देख रही है प्यारे,
ये कोई आम बात नहीं है,
मैंने देखा है तंग गलियों में,
के अब युद्ध विराम नहीं है,
मेरे घर पे आया मेहमान,
क्या वो भगवान नहीं है।
- वरुण राठौर
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