किसानों के लिए राहत के समाचार ! समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का कार्य शुरू, किसान बेच सकते हैं अपनी उपज
देवास / जिले के उपार्जन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का कार्य 15 अप्रैल से प्रारंभ हो गया है। कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय के निर्देशानुसार उपार्जन केन्द्रों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई है तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। साथ ही उपार्जन केन्द्र पर आने वाले किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है।
जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए उपार्जन केन्द्र पर किसानों को एसएमस भेजकर बुलाया जा रहा है। जिन किसानों को एसएमएस भेजे जा रहे हैं उन्हें फोन कर बताया भी जा रहा है कि उपार्जन केन्द्र पर वृद्ध, बच्चों तथा अस्वस्थ्य व्यक्ति को लेकर न आएं। इसके साथ ही किसानों से मुंह को मास्क या गमछे से ढंकने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की समझाईश भी दी जा रही है। उपार्जन केन्द्रों पर गुणवत्ता परीक्षक, नोडल अधिकारी, उपार्जन केंद्र ऑपरेटर एवं हम्मालों द्वारा मास्क का उपयोग किया जा रहा है तथा समय-समय पर हाथ सैनिटाइजर अथवा साबुन से साफ कराए जा रहे हैं।
क्रय केंद्रों पर किसान बेच सकते हैं अपनी उपज
मंडी सचिव ओपी शर्मा ने बताया कि शासन द्वारा गेहूं, चना उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया गया है। शासन ने सौदा पत्रक के माध्यम से तथा क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं, चना उपार्जन की खरीदी प्रारंभ की है जिसके अंतर्गत किसान अपनी फसल का सैंपल लाकर सौदा तय कर पाएंगे और इस पश्चात व्यापारी अपने साधन से ही किसान के गोदाम व मकान से ही सीधा माल परिवहन कर सकेगा। किसान को मंडी में माल लाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। किसान अपने हिसाब से भी बेच सकेगा। यह पूरा कार्य मंडी के नियंत्रण में रहेगा।वर्तमान में देवास में मंडी के अंतर्गत दो क्रय केंद्र चालू किए गए हैं। इनमें धर्मेश फूड्स मक्सी रोड पर तथा आईटीसी सागर चौपाल है। आगामी दिनों में 5 क्रय केंद्र और प्रारंभ किए जाएंगे। इन पर किसान अपनी उपज बेच सकता है।
सायलो केंद्र पर भी की जा रही है खरीदी
शासन के निर्देशानुसार गेहूं चना के उपार्जन का कार्य प्रारंभ हो गया है। इसके तहत साइलो केंद्रों पर भी खरीदी का कार्य जारी है। खरीदी के दौरान कोरोनावायरस के संक्रमण के बचाव के दृष्टिगत सभी आवश्यक जानकारी बताई जा रही है तथा सैनिटाइज भी किया जा रहा है। किसानों को बार-बार साबुन से हाथ धोने, मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की समझाइश दी जा रही है तथा उनके हाथों को सैनिटाइज भी कराया जा रहा है।
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