जानिए अमलतास अस्पताल में कोरोना मरीजों की सुरक्षा और सुविधाओं के बारे में


देवास।  अमलतास अस्पताल के चेयरमैन सुरेश भदौरिया ने बताया कि देवास के अमलतास अस्पताल को जिले का एकमात्र कोविड़ अस्पताल घोषित किए जाने के बाद मरीजों का इलाज तथा मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा का कार्य जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित कार्य योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। क्षेत्र में कोरोना महामारी के संक्रमण की शुरुआत से ही अमलतास में सर्दी,
 खांसी, बुखार के रोगियों के लिए अलग से एक ओ.पी.डी. बनाई गई, जहां प्रर्याप्त सुरक्षा साधनों के साथ चिकित्सकों द्वारा आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग कर हिस्ट्री की जानकारी ली जाती है। यहां हर एक के लिए बैठने और जांच की अलग अलग व्यवस्था है।



भर्ती होने वाले मरीजों के लिए तृतीय तल पर 5000 वर्ग फीट के 6 नवनिर्मित हाल में कोरोना वार्ड बनाये गये है, जिनमें प्रत्येक में प्रसाधन तथा मरीजों के आने जाने का मार्ग अलग अलग है। एक वार्ड ऐसे कम संदिग्ध मरीजों के लिए आरक्षित हैं जो किसी पाज़िटिव मरीज के सम्पर्क में नहीं आये किंतु उन्हें श्वास की या ह्रदय की कोई बिमारी है। एक अन्य हाल में ऐसे मरीजों को रखा गया है जो कोरोना संक्रमित मरीज के सीधे संपर्क में आए हैं किन्तु उनमें अभी तक कोरोना के कोई लक्षण नहीं है। एक अन्य वार्ड संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित हैं। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कोरोना आइ. सी. यू. को भी दो अलग-अलग भागों में बांट दिया गया है। एक गंभीर संदिग्ध मरीजों के लिए और एक गंभीर संक्रमित मरीजों के लिए। इस प्रकार ये सभी कोरोना ओपीडी, वार्ड और आइ.सी.यू. अस्पताल के अन्य वार्ड, ओ.टी., आफिस एवं अन्य अधिकारियों कर्मचारियों के आने जाने के मार्ग से अलग है। कोरोना वार्ड के सभी डाक्टर, नर्स और सफाई कर्मी वार्ड में जाते समय सुरक्षा किट के साथ ही प्रवेश करते हैं।  समय-समय पर अस्पताल के डिस-इन्फेक्शन का कार्य जिला स्वास्थ विभाग के डॉ. धर्मेंद्र जाट की निगरानी में शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के अंतर्गत किया जा रहा है।  जिले के सभी   मरीजों का इलाज एवं देखभाल कोरोना वार्ड प्रभारी डॉ अश्विन सोनगरा के साथ डॉ तुहीन और उनकी टीम द्वारा की जा रहा है। जहां एक ओर उचित व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टर डॉ श्रीकांत पांडे और सी.इ.ओ. शीतल पाटले मार्गदर्शन कर रहे हैं वही दूसरी ओर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर के सक्सेना एवं सिविल सर्जन डॉ अतुल बिड़वइ इन सभी की निगरानी कर रहे हैं।


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