"तृतीय देवी माँ चंद्रघंटा की वंदना"

 


दिव्य है ललाट जिस पे अर्धचंद्र शोभता है दस हैं भुजाएँ और स्वरूप तेजस्वी है ,
थर थर काँपते हैं दानव दलन जिनसे माता सिंहवाहिनी का रूप ही ओजस्वी है ,
वीर धीर गंभीर सौम्य और विनम्रता वाले वरदान पाता इनका हरैक तपस्वी है ,
तीसरा स्वरूप है माता चंद्रघंटा का हर शरणागत जिनका होता यशस्वी है ।।


- आरती अक्षय गोस्वामी
देवास मध्यप्रदेश 



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