तो ऐसे हो सकता है शहर के लोगों पर नियंत्रण का तरीका ! प्रशासन का डंडा हो रहा ठंडा !
देवास (राहुल परमार )। शहर सहित देश में कर्फ्यू और लॉकडाउन घोषित है। प्रशासन भी कोरोना के चलते सख्त है। लेकिन जनता प्रशासन की ऑखों में धूल धोके जा रही है। जिन स्थानों पर पुलिस की कड़ी पाबंदी है वहां तो पुलिस अपने अनुसार नियमों के पालन में सख्त है किंतु शहर की गलियों में जनता पुलिस की गाड़िया देखकर अंदर हो जाती है तो वही जनता गाड़ी के जाने के बाद पुनः बाहर आ जाती है। ऐसे में जागरुक जनता स्वयं को ही धोखा दे रही है। कोरोना के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है। पुलिस प्रशासन कितना ही सख्त हो जाए, जनता उनके नियमों की धज्जियां उड़ाने में पीछे नही हट रही है जबकि सभी नियम जनता के हित के लिए ही है। वहीं कर्फ्यू में दिये गए छूट के समय में जनता नियमों का उल्लंघन कर अपनी ही जान से खिलवाड़ कर रही है। ऐसा करने से वह अन्य लोगों की भी जान से खिलवाड़ कर रही है। जैसे ही लोगों को कर्फ्यू में ढील का सुवसर मिला सभी बिमारियों के स्वागत के सुअवसर पर निकल पड़ें। यहां प्रशासन को अत्यधिक सोचने की आवश्यकता है कि दोबारा इस प्रकार की स्थिति न बने।
प्रायः देखा गया है कि जनता में लगभग नागरिक राजनीति से जुड़े होते हैं। हमारे देश में लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत जनता अपने पसंदीदा नेता को चुनती है। वहीं नेता आज इस महामारी में दुबक कर पीछे छुप चुकें हैं। कई नेता जो देवास शहर को विभिन्न योजनाओं के लिए खुद का विशेष योगदान कह मिडिया में छाए रहते थे, आज वे अदृश्य हो चुके हैं।
प्रशासन को चाहिए एक ऐसा प्रयास !
शहर में कुल वार्डों की संख्या 45 है । प्रत्येक वार्ड में लगभग 4 कालोनियां है। प्रशासन यदि हर वार्ड के 2 जनप्रतिनिधि जो अलग- अलग पार्टी के हो, को प्रत्येक कालोनी में अपने 2 प्रशासनिक या पुलिस के व्यक्तियों की नियुक्ति के साथ जिम्मेदारी सौंपे तो संभवत : प्रत्येक कालोनी में दैनिक उपयोग की चींजे आसानी से पंहुच सकती है। इससे संबंधित कालोनीवासी भी किसी सामान की खरीदारी करने बाहर नहीं आ पायेंगे। वहीं प्रत्येक कालोनी में दूध वाले नियमित होते हैं, उन्हें समुचित सुरक्षा के साथ कालोनीवार जिम्मेदारी दी जावें। ठीक उसी प्रकार सब्जी और किराने वालों को भी जिम्मेदारी दी जावें। इस प्रकार कालोनीवासी बाहर भी कम आयेंगे और उन्हें किसी के बाहर होने से बाहर निकलने का डर भी बना रहेगा। इस प्रकार कहीं न कहीं कोरोना संक्रमण से लड़ने के इस युध्द में सहायता मिल सकती हैं। हालांकि कई जनप्रतिनिधि और संस्थाएं इस क्षेत्र में काम कर रही है लेकिन वे आवश्यक स्थानों पर संपर्क होने पर ही सही स्थान पर पंहुच पाती है। उनके काम में निःसंदेह कोई कमी नहीं है। बल्कि उनकी सेवाएं इतनी बेहतर हैं कि एक आवश्यक व्यक्ति के पास कभी- कभी दो से अधिक संस्थाएं भी सेवा के लिए पंहुच जाती है।
आपके सुझाव आप हमे मेल कर सकते है - bharatsagarnews@gmail.com पर
हमे whatsapp के माध्यम से भी आप आपके सुझाव भेज सकते है - 7773834999
Comments
Post a Comment