"प्रथम देवी माँ शैलपुत्री की वंदना"
वृषभ आरूढ़ होके वाम हस्त शतदल लेके दाहिने त्रिशूल धर पधारो जगदम्बिका ,
प्रथम देवि शैलपुत्री भक्ति देना शक्ति देना जीवन को आप ही सँवारो जगदम्बिका ,
हरना जगत के दुःख ज्योति देना आशाओं की कष्ट भी आप ही निवारो जगदम्बिका ,
स्वार्थ दुनिया से जीवन की नैया को भव के पार भी आप ही उतारो जगदम्बिका ।।
- आरती अक्षय गोस्वामी
देवास मध्यप्रदेश
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